कांग्रेस ने दावा किया है कि उनकी पार्टी के समर्थन वाले एक पैनल ने महाराष्ट्र के नागपुर जिले में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के पैतृक गांव में ग्राम पंचायत चुनाव जीता है। पार्टी ने गुरुवार को दावा किया कि कांग्रेस पार्टी समर्थित पैनल ने कलमेश्वर तहसील में भाजपा के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी के पैतृक गांव धापेवाडा व उमरेद तहसील में उनके द्वारा गोद लिये गये गांव पचगांव में जीत दर्ज की है।
ग्राम पंचायत चुनाव पार्टी के चुनाव चिन्हों पर नहीं लड़े जाते हैं लेकिन दल विभिन्न पैनलों को अपना समर्थन देते हैं।
इस बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए मुंबई में बीजेपी पदाधिकारियों से बोला कि राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर विपक्ष के आरोपों का जवाब देने के लिए भाजपा की राज्य स्तरीय मीटिंग में गडकरी ने कहा,’रिलायंस डिफेंस दसाल्ट को कुछ पुर्जों की आपूर्ति करेगी। नागपुर में क्या (विमान) तैयार किया जाएगा व दसाल्ट का वेंडर कौन होगा यह उनका निर्णय है। ‘ उन्होंने बोला कि दसाल्ट को पुर्जों की आपूर्ति कराने वाले कई अंतर्राष्ट्रीय आपूर्तिकर्ता हैं। यह दसाल्ट का निर्णय है कि वह अपने वेंडर के तौर पर किसे चुनते हैं।
‘विपक्ष इस सौदे को लेकर भ्रम पैदा करना चाहता है’
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने आरोप लगाया कि विपक्ष इस सौदे को लेकर भ्रम पैदा करना चाहता है। गडकरी ने पदाधिकारियों से कहा, ‘भारत गवर्नमेंट का इससे कोई लेना-देना नहीं है (भारतीय साझेदार चुनने की दसाल्ट की पसंद)। (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी का इस समझौते से कोई लेना-देना नहीं है। विपक्ष बेवजह इस सौदे को लेकर भ्रम पैदा कर रही है। हम पारदर्शिता बनाए रखने वाली गवर्नमेंट हैं। हमारा रुख बचाव करने का नहीं बल्कि आक्रामक होना चाहिए। ‘
उन्होंने कहा, ‘भारत 2002 से लड़ाकू विमानों की खरीद कर रहा है। विमानों की मौजूदा स्थिति को देखकर मुझे दुख होता है। अब तक कई लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं।हेलीकॉप्टरों की स्थिति ऐसी है कि लगता है कि आप ट्रक में बैठे हुए हैं। पीएम मोदी ऐसे हेलीकॉप्टरों में सफर करते हैं। ‘ उन्होंने दावा किया कि राफेल विमानों के लिए राजग द्वारा जो मूल्यतय की गई है वह संप्रग गवर्नमेंट द्वारा तय की गई कीमतों से 40 फीसदी सस्ती हैं।
एनडीए गवर्नमेंट पर लगातार हमले कर रही है कांग्रेस
36 राफेल विमानों की खरीद के लिए फ्रांस की दसाल्ट एविएशन के साथ हुए समझौते को लेकर एनडीए गवर्नमेंट के विरूद्ध निरंतर जारी हमले में कांग्रेस पार्टी ने दावा किया है कि इस सौदे में प्रति विमान की मूल्य पूर्व यूपीए गवर्नमेंट द्वारा तय की गई मूल्य की तुलना में तीन गुणा अधिक है। साथ ही पार्टी ने यह भी दावा किया है कि अनिल अंबानी के रिलायंस डिफेंस को फायदा पहुंचाने के लिए सरकारी कंपनी हिन्दुस्तान एअरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को फ्रांसीसी कंपनी के साथ ऑफसेट सौदे से बाहर रखा गया।