नए वर्ष के आरंभ में चार दिन बंद रह सकते हैं बैंक

नए वर्ष की आरंभ में एक  बैंक हड़ताल के लिए ग्राहक तैयार हो जाएं. बैंकों के कुछ यूनियन जनवरी के दूसरे सप्ताह में हड़ताल का आयोजन करने जा रहे है. दो महीने में यह दूसरी बार ऐसा होगा, जब बैंकों में हड़ताल होने जा रही है.

हालांकि इस हड़ताल में कई बैंक यूनियन शामिल नहीं होंगे. लेकिन हमारी सलाह है कि आप अपने बैंकिंग काम समय से पहले निपटा लें ताकि दिक्कतों का सामना न करना पड़े.

दो दिन की हड़ताल, चार दिन बंद रह सकते हैं बैंक

यह हड़ताल तो दो दिन होगी, लेकिन इसका प्रभाव चार दिनों तक देखने को मिल सकता है. बैंक में हड़ताल 8  9 जनवरी को है. इससे पहले 6 जनवरी को रविवार है. 7 जनवरी को सोमवार है. हड़ताल बुधवार  गुरुवार को होगी.

यह संगठन होंगे शामिल

बैंक कर्मचारियों की दो यूनियन–ऑल इंडिया बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन (एआईबीईए)  बैंक इंप्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीईएफआई) से संबंधित कर्मचारी इस हड़ताल में शामिल होंगे. यह दोनों संगठन वाम मोर्चा से संबंधित हैं. राष्ट्र में बैंक कर्मचारियों के कुल नौ संगठन हैं. ऐसे में 6 संगठनों से जुड़े बैंक कर्मचारी हड़ताल से दूरी बनाए रखेंगे.

नेशनल ऑर्गेनाईजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स के उपाध्यक्ष अश्विनी राणा ने बोला है कि यह एक राजनीतिक हड़ताल है  इसका बैंक कर्मचारियों के मुद्दों से कोई लेना-देना नहीं है. इसलिए सात यूनियन इसमें भाग नहीं लेंगी.

हड़ताल के चलते अरबों रुपये की क्लियरिंग प्रभावित होने की संभावना है. इससे व्यापारियों के कार्य तो अटकेंगे, इसके चलते कई सरकारी काम भी प्रभावित हो सकते हैं. रीयल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस)  नेशनल इलेक्ट्रानिक फंड ट्रांसफर (एनईएफटी) नेशनल पेमेंट कारपोरेशन आफ इंडिया (एनपीसीआई) के गेटवे से होते हैं.

राष्ट्र भर में हर महीने औसतन एक लाख अरब रुपये आरटीजीएस  करीब 15350 अरब रुपये एनईएफटी के जरिये ट्रांसफर होते हैं. इलेक्ट्रानिक पेमेंट सिस्टम के ये दोनों बड़े गेटवे बंद होने का प्रभाव बैंकिंग लेनदेन पर पड़ेगा.