धोनी को ट्विटर पर उनकी धीमी पारी के लिए किया जा रहा ट्रोल

भारत के पूर्व कप्तान एमएस धोनी को ट्विटर पर उनकी धीमी पारी के लिए ट्रोल किया जा रहा है, कुछ लोगों का मानना है कि उनका करियर खत्म हो चुका है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टी-20 सीरीज के पहले मैच में विशाखापट्टनम के डॉ वाई एस राजशेखर स्टेडियम में भारत को 3 विकेट से हार का सामना करना पड़ा। इस मैच में हार के लिए जहां उमेश यादव की आलोचना हो रही है, वहीं दूसरी ओर महेंद्र सिंह धोनी को भी ट्विटर पर आड़े हाथों लिया जा रहा है।

दरअसल मैच में भारत ने निराशाजनक बल्लेबाजी करते हुए 126 रन बनाए। धोनी पारी के अंत तक नाबाद रहे और 37 गेंदों में 78.38 के धीमे स्ट्राइक रेट से 29 रन बनाए। इस धीमी बल्लेबाजी के लिए लोग उनकी काफी आलोचना कर रहे हैं। ट्ववीटर पर यूजर्स उनकी इस धीमी पारी के लिए काफी आलोचना कर रहे हैं।

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टी-20 मैच में बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत खराब रही और हिटमैन यानी रोहित शर्मा सिर्फ 5 रन बनाकर पैवेलियन लौट गए। उसके बाद कप्तान विराट कोहली और टीम में वापसी कर रहे केएल राहुल ने पारी को संभालने की कोशिश की। कोहली ज्यादा देर तक विकेट पर नहीं रुक पाए और 24 रन बनाकर आउट हो गए। हालांकि राहुल दूसरे छोर से शानदार बल्लेबाजी कर रहे थे और कुल्टर नाइल की गेंद पर आउट होने से पहले हाफ सेंचुरी लगा चुके थे।

राहुल के आउट होते ही भारतीय टीम का मिडल ऑर्डर ताश के पत्तों की तरह बिखर गया और ऐसा लगने लगा कि भारत पूरे 20 ओवर भी नहीं खेल पाएगा। धोनी दूसरे छोर पर खड़े थे पर वो बड़े शॉट खेलने में सफल नहीं हो रहे थे। आखिर के ओवरों में उन्होंने चहल को स्ट्राइक देने से भी मना कर दिया और सारा दारोमदार अपने कंधों पर ले लिया। इस मैच में धोनी को किस्मत का साथ नहीं मिला और 37 गेंदों में सिर्फ 1 छक्का ही मार सके।इस धीमी बल्लेबाजी के कारण टीम सिर्फ 126 रन ही बना सकी और टीम को अंत में हार का सामना करना पड़ा।

धोनी को इस प्रदर्शन का खामियाजा ट्वीटर पर भुगतना पड़ा, जब क्रिकेट फैंस ने उन्हें इस धीमी बल्लेबाजी के लिए ट्रोल करना शुरु कर दिया। यह धोनी के करियर में पहला मौका था जब वो किसी टी-20 मैच में 30 गेंदें खेल चुके थे और एक भी बाउंड्री नहीं लगाई थी। स्ट्राइक रेट के लिहाज से भारत के लिए ये तीसरी सबसे धीमी पारी थी। टी-20 क्रिकेट में सबसे धीमे स्ट्राइक से बल्लेबाजी करने का रिकॉर्ड युवराज सिंह के नाम पर है।