धरती से ओर बढ़ रहा ये खतरनाक रॉकेट, 1960 से था लापता, वैज्ञानिक भी डरे

वैज्ञानिकों के मुताबिक, उल्कापिंड 24 सितंबर को अगले कुछ घंटों में धरती के बगल से गुजरेगा। इस इस एस्टेरॉयड का नाम 2020 SW है। यह एस्टेरॉयड धरती से मात्र 28,254 किलोमीटर की दूरी से निकलेगा। बता दें कि धरती के इतने पास तो चांद भी नहीं है।

 

चांद की धरती से दूरी करीब 3.84 लाख किमी है। सेंटर फॉर नियर अर्थ ऑबजेक्ट्स (CNEOS) के वैज्ञानिक ने अनुमान जताया है कि यह 14 से लेकर 32 फीट तक हो सकता है।

अंतरिक्ष में फैसला कचरा धरती के लिए बार बार खतरा बना रहा है। अब नासा के वैज्ञानिकों ने ऐसे ही एक और खतरे का पता लगाया है। नासा का कहना है कि एक मिनी मून यानी छोटा चंद्रमा धरती की ओर बढ़ रहा है। नासा का अनुमान ठीक रहा तो…

अंतरिक्ष में तमाम उल्कापिंड टूट-टूट कर घूमते फिरते रहते हैं। लेकिन खतरा तब बढ़ जाता है, जब ये पृथ्वी के बेहद करीब से गुजरते हैं। इन हरकतों से भूकंप और तूफान जैसे खतरों की संभावनाएं रहती है।

इस बीच कहा जा रहा है कि सालों बाद पहली बार एक एस्टेरॉयड (Asteroid) धरती के बहुत करीब से गुजरने वाला है। इस उल्कापिंड की धरती से नजदीकी को देखकर दुनियाभर के वैज्ञानिक डरे हुए हैं। यह Asteroid बस के आकार का है।