देश में पहली और दूसरी कक्षा के छात्रों को मिला होमवर्क से निजात व बस्ते का बोझ भी हुआ कम

सरकार ने छोटे बच्चों से पढ़ाई का बोझ कम करने के लिए उन्हें होमवर्क से मुक्ति दे दी है। पूरे देश में पहली और दूसरी कक्षा के छात्रों को होमवर्क से निजात के साथ ही बस्ते का बोझ भी कम किया गया है। 10वीं तक के छात्रों के बस्ते का वजन तय कर दिया गया है। अब बस्ते का न्यूनतम वजन डेढ़ किलो और अधिकतम पांच किलो होगा।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश जारी किया और कहा कि वह केंद्र सरकार के निर्देशों का पालन करवाएं। सभी स्कूलों से पहली और दूसरी कक्षा के छात्रों को होमवर्क न देने का निर्देश दिया है। स्कूलों से यह भी कहा गया है कि वह निर्धारित विषय के अलावा किसी अन्य विषय को न पढ़ाएं। नया नियम स्टेट बोर्ड, केंद्रीय विद्यालय, सीबीएसई और सीआईएससीई के स्कूलों पर सत्र 2019-20 से लागू होगा। इस कवायद से बच्चों को खेलकूद का मौका मिलेगा और पढ़ाई में अरुचि नहीं होगी।

घटा बस्ते का बोझ
कक्षा             वजन (किग्रा में)
1-2              1.5
3-5              2-3
5-6              4.0
7-9              4.5
10               5.0

मंत्रालय के शिक्षा विभाग के सचिव ए. हमजा ने 20 नवंबर को जारी निर्देश में कहा कि अतिरिक्त किताब, अध्ययन सामग्री खरीदने का दबाव भी किसी विद्यार्थी पर नहीं डाला जाएगा।

दूसरी कक्षा तक मात्र गणित व भाषा की पढ़ाई
मंत्रालय ने पहली और दूसरी कक्षा के छात्रों को केवल गणित और भाषा पढ़ाने के लिए कहा है। तीसरी से पांचवीं कक्षा के छात्रों को गणित, भाषा और सामान्य विज्ञान पढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं, जिसे एनसीईआरटी द्वारा मान्यता दी गई है।

लंबे अर्से से चल रही थी मुहिम
स्कूली बैग का वजन कम कराने की मुहिम लंबे समय से चल रही थी। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियैट्रिक्स ने भी बस्ते के वजन को खतरनाक बताते हुए इसे कम करने की मांग की थी। उसका कहना था कि ज्यादा वजन का असर बच्चों की हड्डियों पर पड़ रहा है।