देश भर में रेल यात्री तत्काल टिकट के बढ़ते दामों से है परेशान

देश भर में 74 प्रतिशत रेल यात्री तत्काल टिकट के बढ़ते दामों से परेशान हैं . इसके अतिरिक्त ट्रेनों की लेटलतीफी  बेकार खाने की वजह से भी लोग रेलवे से नाराज चल रहे हैं, क्योंकि तमाम दावों के बावजूद इनमें किसी तरह का कोई सुधार देखने को नहीं मिला है. सोशल मीडिया कंपनी लोकल सर्किल द्वारा राष्ट्र भर के 200 जिलों में करीब 27 हजार से अधिक लोगों से बात करने बाद एक सर्वे तैयार किया है.

इन मुद्दों पर किया गया सर्वे

कंपनी ने जिन मुद्दों पर यह सर्वे किया उनमें खाने-पीने के सामान की गुणवत्ता, फ्लेक्सी फेयर, ट्रेनों की लेटलतीफी, टिकट रद्दीकरण शुल्क आदि शामिल हैं.

कम नहीं हो रही है ट्रेनों की लेटलतीफी

सर्वे के अनुसार, पिछले एक वर्ष में रेलवे चाहे जितना भी दावे कर ले कि ट्रेनें सही समय पर चलने लगी है, लेकिन ऐसा धरातल पर सही नहीं है. अभी भी कोहरे के कारण अधिकतर ट्रेनें 1 से लेकर के 12-15 घंटे तक लेट होती हैं. 31 प्रतिशत यात्री ही केवल ट्रेन सही समय पर चलने की बात कह रहे हैं.

खाने की गुणवत्ता में हुआ छोटी सुधार

सर्वे में 46 प्रतिशत यात्रियों ने बोला कि खाने-पीने के सामान की गुणवत्ता में छोटी सुधार हुआ है. हालांकि लोगों को रेस्टोरेंट जैसा खाना तो नहीं मिल रहा है, लेकिन इसके बाद भी आप इसे खा सकते हैं. 31 प्रतिशत यात्रियों ने बोला कि खाने की गुणवत्ता पहले से भी  बेकार हो गई है.

तत्काल से कटती है ज्यादा जेब

यात्रियों का कहना है कि तत्काल टिकट को बुक कराने  रद्दीकरण पर उनकी ज्यादा जेब कटती है. 74 प्रतिशत यात्रियों ने बोला कि तत्काल टिकट का दाम काफी है. केवल 5 प्रतिशतलोगों ने बोला कि टिकट का दाम बहुत ज्यादा कम है.
वहीं 80 प्रतिशत यात्रियों का कहना है रेलवे टिकट रद्दीकरण पर जो शुल्क काटता है वो बहुत ज्यादा ज्यादा है. यात्रियों ने रेलवे से बोला है कि वो रद्दीकरण शुल्क को कम करें, जिससे यात्रियों की जेब ज्यादा न कटे.

सुरक्षा को लेकर भी गंभीर नहीं रेलवे

44 प्रतिशत यात्रियों का कहना है कि रेलवे सफर के दौरान अभी भी सुरक्षा को लेकर के गंभीर नहीं हुई है. इसका प्रमाण है हादसे, जो लगातार हो रहे हैं. केवल 18 प्रतिशत यात्रियों का कहना है कि एक वर्ष में कुछ सुधार दिखा है.

स्वच्छ हिंदुस्तान से साफ-सुथरे हुए स्टेशन

स्वच्छ हिंदुस्तान अभियान से राष्ट्र के रेलवे स्टेशनों पर साफ सफाई की सुविधा में इजाफा हुआ है. सर्वे में 38 प्रतिशत यात्रियों ने माना कि स्थिति में बहुत ज्यादा सुधार हुआ है. वहीं 39 प्रतिशत ने कम सुधार, 18 प्रतिशत ने नहीं हुआ सुधार  5 प्रतिशत यात्रियों ने बोला कि साफ सफाई पहले से भी बेकार हो गई है.

61 प्रतिशत पुरुषों ने लिया भाग

सर्वे में 61 प्रतिशत पुरुष  39 प्रतिशत स्त्रियों ने भाग लिया था. इस सर्वे में 48 प्रतिशत यात्री मेट्रो शहरों से, 30 प्रतिशत टियर टू शहरों से  22 प्रतिशत राष्ट्र के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले यात्रियों ने भाग लिया था.