देव की जान बचाने के लिए चाहिए 2 करोड़ का इंजेक्‍शन, जानिए ये है दुर्लभ बीमारी

उम्र छह वर्ष  एक ऐसी दुर्लभ बीमारी जिसका उपचार सारे देश में नहीं है जान बचानी है तो विदेश से मंगाना होगा 2 करोड़ रुपये का इंजेक्‍शन

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यह सच्चाई है ईटावा के देव की देव संसार की दुर्लभ बीमारियों में से एक हंटर सिंड्रोम का शिकार हो गया है पिता ने अपनी पूरी जमीन बेच दी है लेकिन तो भी 70 लाख रुपये का ही बंदोवस्त हो सका है सीएम ऑफिसमें अर्जी लगाई तो वहां से भी सिर्फ 5 लाख रुपये ही स्वीकृत हुए जानकारी के अनुसार यह बीमारी दो लाख बच्चों में से एक में पाई जाती है देव यूपी का एक मात्र बच्चा है जो इस बीमारी से जूझ रहा है उसके पिता जगतराम को पहली बार इस बीमारी का पता उस समय चला जब देव 4 वर्ष का था  उसे उपचार के लिए एम्स ले जाया गया

अमेरिका से आएगा इंजेक्‍शन, लेकिन उपचार की गारंटी नहीं 

इस बीमारी का उपचार करवाने के लिए एक वैक्सीन की आवश्यकता होती है जो केवल अमेरिका  कोरिया में ही मिलता है इस इंजेक्‍शन की मूल्य करीब 1,92,77,648 रुपये हैलेकिन दशा यह हैं कि इसके बाद भी देव के स्वस्‍थ्य होने की कोई गारंटी नहीं है एम्स के डॉक्टरों के अनुसार इस वैक्सीन का नाम इलाप्रास है  इसका प्रभाव ज्यादा से ज्यादा पांच वर्षतक रहता है

70 लाख हो चुके हैं खर्च 

देव के परिजन के अनुसार अभी तक उपचार में करीब 70 लाख रुपये का खर्च आ चुका है इसके लिए पुश्तैनी जमीन भी बेच दी गई है जगतराम ने बताया कि अब मेरे पास बेचने के लिए कुछ भी नहीं बचा है उन्होंने बताया कि एम्स के डॉक्टरों से जानकारी मिली थी कि बिहार में भी एक बच्चा इसी बीमारी से पीड़ित था, यह इंजेक्‍शन लगने के बाद उसे बहुत ज्यादाराहत मिली हमने मदद के लिए मुख्यमंत्री ऑफिस में भी सम्पर्क किया था लेकिन वहां से भी सिर्फ पांच लाख रुपये की ही मदद मिल सकी

क्या होता है हंटर सिंड्रोम
हंटर सिंड्रोम को ट्राइसोमी 21  डाउन सिंड्रोम के नाम से भी जाना जाता है यह बीमारी बौद्ध‌िक विकलांगता से संबंधित है इसमें बच्चे का शारिरिक  मानसिक विकास निर्बल हो जाता है इस बीमारी में सिर का आकार सामान्य से बड़ा हो जाता है, होठ मोटे हो जाते हैं, जीभ बाहर आ जाती है  हड्डियों में भी विकार हो जाता है