दुनिया में तबाही मचाने की साजिश रच रहा चीन , तैनात किए…

ऐसे में सरकारी सूत्रों की तरफ से बताया गया है कि यह हैरानी की बात है कि चीन इस तरह के यूयूवी को बड़ी संख्या में हिंद महासागर में तैनात कर रहा है। सबसे खास बात ये है कि चीन ने इस सी विंग को आर्किटिक में भी छोड़ा है।

 

वहीं इसके अलावा सूत्रों के मुताबिक, सी विंग टर्बुलेंस मीटर, टर्बिडिमीटर, क्लोरोफिल सेंसर, डिजॉल्ड ऑक्सीजन सेंसर, नाइट्रेट और दूसरे बायोकैमिकल सेंसर के अलावा कंडक्टिविटी, टेम्परेचर, डेप्थ सेंसर साथ रख सकते हैं।

साथ ही रिपोर्ट में एचआई सटन ने ये भी जिक्र किया है कि ये ठीक उसी तरह के ग्लाइडर हैं, जिन्हें अमेरिका ने तैनात किया था। अमेरिका की तरफ से छोड़े गए इन ड्रोन्स को बीजींग ने 2016 में जब्त कर लिया था। उस वक्त बीजिंग ने गुजरती नावों के सुरक्षित आवागमन का हवाला दिया था।

सूत्रों से सामने आए एक लेख के अनुसार, ये ग्लाइडर (Glider) एक तरह के अनक्रूड अंडरवॉटर व्हीकल होते हैं, जिन्हें दिसंबर 2019 के मध्य में लॉन्च किया गया था। इसे लॉन्च किए जाने के बाद जब इन ग्लाइडर्स को फरवरी में वापस निकाला गया, तो तब तक इन डिवाइस ने 3400 से ज्यादा ऑब्जर्वेशन हासिल कर लिए थे। इस लेख के हिसाब से चीन (China) ने बड़ी संख्या में इन ड्रोन्स को समुद्र में उतारा है।

पूरी दुनिया में उथल-पुथल मचाने के लिए चीन अब अपनी नई रणनीति के साथ खड़ा है। सामने आई एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन हिंद महासागर (Indian Ocean) में सी विंग (Sea Wing) (हैयी) ग्लाईडर तैनात किए हैं।

ऐसे में चीन ने नौसेना से जुड़े इंटेलीजेंस के उद्देश्य से इन अंडरवॉटर ड्रोन (Underwater Drones) को तैनात किया है। इसमें सबसे खास बात है कि ये ड्रोन महीनों तक पानी के अंदर रहकर काम कर सकते हैं। साथ ही ये दावा डिफेंस एनालिस्ट एचआई सटन (HI Sutton) ने फोर्ब्स में प्रकाशित एक लेख में किया है।