ऐसा बोला जाता है कि उन्होंने अपने करियर में फिल्मों का चयन बहुत ही सूझ-बूझ के साथ किया। उनकी चुनी गईं कई फिल्मों ने आमिर खान, शाहरुख खान, सैफ अली खान, अक्षय कुमार जैसे कलाकारों को शीर्ष पहुंचा गईं। लेकिन दीपक तिजोरी वही के वही खड़े रहे व एक समय के बाद उन्हें भाई, दोस्त जैसे भूमिका भी मिलना बंद हो गए। माना जाता है कि उन्होंने कभी अपने लिए मुख्य भूमिका को लेकर किसी निर्माता-निर्देशक के सामने अड़ नहीं पाए। अगर कुछ फिल्में मिली भी तो इतने छोटे बजट की कि दर्शकों तक पहुंच ही नहीं पाईं।
दीपक तिजोरी हमेशा फिल्मों में हीरो के बरक्स भूमिकाएं चुनते रहे। फिल्मों में जमकर कार्य करते रहे। कई बार उनके अभिनय की सराहना हुई। लेकिन फिल्म के हिट होने पर उसका सारा श्रेय आमिर खान, शाहरुख खान, अक्षय कुमार व सैफ अली खान जैसे एक्टर ले लेते। इन्हीं वजहों से उन्हें बिग बॉस के पहले ही सीजन में बुलाया गया। लेकिन यहां भी वे कोई कमाल नहीं कर पाए। बाद में ऑडियंस को उनमें वो स्पार्क नहीं नजर आया।
दीपक ने वर्ष 1988 में ‘तेरा नाम मेरा नाम’ से अपने करियर की आरंभ की थी। उनकी आखिरी बड़ी फिल्म पिछले वर्ष आई तिग्मांशु धूलिया की ‘साहेब बीवी व गैंगस्टर 3′ रही।लेकिन ठीक कहें तो दीपक तिजोरी की आखिरी हिट फिल्म वर्ष 1998 में आई ‘बादशाह’ ही थी। इसके बाद से करीब 20 वर्षों में उन्होंने 20 से ज्यादा फिल्में की हैं, लेकिन एक ने भी बॉक्स ऑफिस पर या फिर आलोचकों के मन में स्थान बनाने में सफल नहीं हो सकी हैं।
साल 1994 में आई ‘मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी’ की। इस फिल्म में सैफ अली खान व अक्षय कुमार लीड भूमिका में थे। ये एक मल्टी स्टारर फिल्म थी इसलिए यहां उनके लिए एक अच्छा मौका होने कि सम्भावना था। उन्हें सैफ का भूमिका ऑफर होने कि सम्भावना था। लेकिन उनकी इमेज उनपर भारी पड़ गई। जब ‘मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी’ के लिए हीरो की तलाश हुई होगी तो फिल्म के लिए अक्षय कुमार व सैफ अली खान को फाइनल कर लिया गया। उस वक्त तक सैफ अपनी स्थान बनाने में सफल हो चुके थे। अगर उस वक्त दीपक तिजोरी की इमेज साइड हीरो वाली ना होती तो आज दीपक भी टॉप लीग में शामिल होती।