में कुछ सुधार देखने को मिला है। सोमवार को दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर ‘बेहद खराब’ श्रेणी से ‘खराब’ श्रेणी में स्थिर रहा। रविवार को भी वायु प्रदूषण का स्तर बेकारश्रेणी में ही था।
केंद्र गवर्नमेंट द्वारा संचालित वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान प्रणाली (सफर) के अनुसार दिल्ली का ओवरऑल एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) सोमवार को 262 रहा, जो कि ‘खराब’ की श्रेणी में आता है। अधिकारियों ने बोला कि तेज हवा प्रदूषक तत्वों के बिखराव के लिए अनुकूल है जिससे फिल्हाल वायु गुणवत्ता बेहद बेकार से सुधर कर ‘‘खराब’’ की श्रेणी में आ गई है।
सोमवार को दिल्ली के लोधी रोड में प्रदूषक तत्व पीएम 10 का स्तर 149 मापा गया। वहीं पीएम 2.5 का स्तर 200 रहा। इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पीएम 10 का स्तर 175 रहा। वहीं पीएम 2.5 का स्तर 199 रहा। हालांकि चांदनी चौक में पीएम 10 का स्तर 309 रहा। साथ ही पीएम 2.5 का स्तर 334 रहा।
दिल्ली के पीतमपुरा में प्रदूषक तत्व पीएम 10 का स्तर 188 रहा। जबकि यहां पीएम 2.5 का स्तर 305 रहा। मथुरा रोड पर सोमवार को पीएम 10 का स्तर 199 रहा। जबकि पीएम 2.5 का स्तर 275 मापा गया। इसके अतिरिक्त दिल्ली से सटे नोएडा में वायु प्रदूषण सोमवार को भी बेकार श्रेणी में रहा। यहां पीएम 10 का स्तर 232 व पीएम 2.5 का स्तर 288 मापा गया।
सफर की ओर से बोला गया, ‘‘देर रात चलने वाली तेज हवा एक अहम किरदार निभा रही है जो वैसे इस मौसम में सामान्यत: नहीं रहती। वायु गुणवत्ता के हालांकि अगले दो दिनों तक ‘‘खराब’’ से ‘‘बेहद खराब’’ श्रेणी के बीच बने रहने की संभावना है। ’’ शून्य से 50 अंक तक वायु गुणवत्ता सूचकांक को ‘‘अच्छा’’, 51 से 100 तक ‘‘संतोषजनक’’, 101 से 200 तक ‘‘मध्यम’’, 201 से 300 के स्तर को ‘‘खराब’’, 301 से 400 के स्तर को ‘‘बहुत खराब’’ व 401 से 500 के स्तर को ‘‘गंभीर’’ श्रेणी में रखा जाता है।
कृत्रिम बारिश दीर्घकालीन निवारण नहीं है
ग्रीनपीस इंडिया के अभियान से जुड़े वरिष्ठ सदस्य सुनील दहिया ने कहा,‘‘कृत्रिम बादल से बारिश कराए जाने से वायु प्रदूषण से कुछ समय तक राहत मिल सकती है। लेकिन कितनी देर तक? यह प्रदूषण का निवारण नहीं है.’’ पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि नीति निर्माताओं को प्रदूषणकारी ईंधन पर ध्यान देना चाहिए व दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए नियमों के कठोर कार्यान्वयन पर भी ध्यान केन्द्रित किया जाना चाहिए।
दिल्ली में प्रदूषण का स्तर गंभीर
उन्होंने बोला कि यदि गवर्नमेंट प्रदूषण के स्तर को कम करने व हवा को सांस लेने योग्य बनाने के प्रति गंभीर है तो प्रभावशाली प्रदूषण नियंत्रण तकनीकों को अपनाकर व्यवस्थित वसमन्वित कार्रवाई करनी चाहिए। क्लाइमेट ट्रेंडस के वरिष्ठ शोधकर्ता एश्वर्य सुधीर ने कहा,‘‘ दिल्ली में प्रदूषण का गंभीर स्तर है व बिना समय गंवाए प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। ’’
ये हैं प्रमुख कारण
विशेषज्ञों का मानना है दिल्ली की हवा वाहनों के धुएं व औद्योगिक काम के कारण भी जहरीली हो रही है। साथ ही कोयले, कंडे व लकड़ी का ईंधन के रूप में हो रहा इस्तेमाल भी इसका प्रमुख कारण है। उनका मानना है कि एक बड़ी आबादी इस ईंधन पर निर्भर है, इसलिए प्रदूषण खत्म करने के लिए उनकी ओर ध्यान देना अधिक महत्वपूर्ण है।