दिल्ली हाईकोर्ट ने दिया कांग्रेस को बड़ा झटका, हुआ हेराल्ड हाउस खाली करने का आदेश

कांग्रेस को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। दिल्ली HC ने उस आदेश को बरकरार रखा है जिसमें एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) को हेराल्ड हाउस खाली करने का आदेश दिया गया है। हालांकि फैसले को बरकरार रखते हुए कोर्ट ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि AJL को कब तक हेराल्ड हाउस को खाली करना है।

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में एलएनडीओ की तरफ से हेराल्ड हाउस को खाली करने के पिछले साल 31 अक्टूबर में भेजे गए नोटिस को सही ठहराया है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि अखबार को छापने के लिए लीज पर दी गई जमीन का सही इस्तेमाल नहीं किया गया। फैसले के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट की डबल बेंच ने भी सुप्रीम कोर्ट में अपील के लिए 2 हफ्ते का समय देने से भी मना कर दिया।

इससे पहले 21 दिसंबर को हेराल्ड हाउस केस मामले में सोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड को बड़ा झटका लगा था। दिल्ली हाईकोर्ट ने नेशनल हेराल्ड अखबार के 56 साल पुराने दफ्तर हेराल्ड हाउस को दो सप्ताह के भीतर खाली करने का निर्देश दिया था। यह इमारत राजधानी दिल्ली के बहादुर शाह जफर मार्ग के प्रेस एरिया में स्थित है।

बता दें मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति वीके राव की पीठ ने 18 फरवरी को केंद्र और AJL की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इससे पहले एजेएल की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने दलीलें पेश करते हुए कहा था कि कंपनी के बहुसंख्यक शेयर यंग इंडिया को हस्तांतरित होने से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी यहां स्थित हेरल्ड इमारत के मालिक नहीं बन जाएंगे। उन्होंने यह भी दलील दी कि केंद्र ने जून 2018 से पहले हेरल्ड इमारत में प्रिंटिंग गतिविधियों की कमी का कभी मुद्दा नहीं उठाया, तब तक जब इसके कुछ ऑनलाइन संस्करणों का प्रकाशन शुरू हो चुका था।

वहीं केंद्र की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी थी कि जिस तरह से शेयरों का हस्तांतरण हुआ उसमें अदालत को यह देखने के लिए AJL पर पड़े कॉरपोरेट पर्दे के उस पार झांकना होगा कि ‘हेरल्ड हाउस’ का स्वामित्व किसके पास है।