दिल्ली में बढ़ा तनाव, नहीं माने किसान, पुलिस से झड़पें, जगह-जगह हुआ…

हरियाणा की तरफ से रहे किसान शुक्रवार सुबह सिंघु बॉर्डर पहुंचते ही उग्र हो गए। उन्होंने बैरिकेड तोड़कर दिल्ली की सीमा में घुसने का प्रयास किया। सुरक्षा बलों ने रोकने की कोशिश की तो उनसे भिड़ गए। आखिर पुलिस ने आंसू गैस के गोले दाग उन्हें खदेड़ दिया।

 

इसके बाद दोपहर करीब एक बजे सबसे पहले सिंघु बॉर्डर से सोनीपत की ओर जाने वाले रास्ते पर लगाए बैरिकेड को किसानों ने तोड़ा। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की ओर से उन्हें रोकने के लिए वाटर कैनन व आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल किया गया। एक किसान ने सीमेंट के बैरिकेड पर ट्रैक्टर चढ़ा दिया।

सुरक्षा बल के जवानों ने जब उसे रोकने का प्रयास किया तो किसानों ने उनपर लाठी-डंडों से हमला कर दिया। करीब एक घंटे तक किसानों और पुलिस, सुरक्षा बल के जवानों के बीच झड़प चलती रही।

इसके बाद सुरक्षा के दूसरे घेरे में लगे सीमेंट के बैरिकेड को किसानों ने पार कर लिया। जवाबी कार्रवाई में कुछ पुलिस कर्मियों ने भी किसानों पर पथराव किया। किसानों को रोकने में पुलिस को जबरदस्त बैरिकेडिंग की।

लगातार दूसरे दिन दिल्ली की हरियाणा और उत्तर प्रदेश से लगने वाली सभी सीमाओं पर जाम से लोग परेशान हुए। फरीदाबाद, गुरुग्राम और नोएडा से दिल्ली आने वाले यात्रियों को कई घंटे तक जाम से जूझना पड़ा।

सबसे ज्यादा असर दिल्ली-गुरुग्राम के रजोकरी बॉर्डर और नोएडा-दिल्ली के कालिंदी कुंज बॉर्डर पर दिखाई दिया। वाहनों की जांच के चलते भीषण जाम लग गया। गाजियाबाद में पुलिस ने किसानों को यूपी गेट तक पहुंचने ही नहीं दिया, लेकिन मोदीनगर और हापुड़ में किसानों ने हाईवे को करीब तीन घंटे तक जाम रखा।

केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली का घेराव करने पर आमादा किसान किसी भी सूरत में मानने को तैयार नहीं हैं। पुलिस ने बुराड़ी स्थित निरंकारी मैदान में धरने के लिए जगह देने की पेशकश की थी, लेकिन किसानों ने उसे ठुकरा दिया।

उनका कहना था कि उन्हें जंतर-मंतर ही जाकर धरना देना है। फिलहाल वे सिंघू बार्डर पर धरने पर बैठ गए और कहा कि जिसको बात करनी है वह यहीं आए। शुक्रवार को दूसरे दिन भी जगह-जगह जाम से लोगों को भारी मुश्किलें पेश आईं। कई लोगों की फ्लाइट छूट गई।

एनसीआर को जोड़ने वाले रूटों पर मेट्रो नहीं चलीं, दैनिक जरूरत की वस्तुओं की आपूर्ति पर भी असर पड़ा। राजनीति भी चरम पर पहुंच गई। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने खुलकर आंदोलनकारियों का समर्थन किया है।