दिल्ली में किसानों को हटाने के लिए सरकार करने जा रही ये काम, पूरी तैयारी के साथ…

याचिका में दावा किया गया कि तीन लाख से अधिक किसान दिल्ली की सीमाओं पर एकत्र हुए और नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, मगर सार्वजनिक तौर पर सरकार की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है कि 50 लोगों से अधिक एकत्रित नहीं हो सकते हैं.

 

याचिकाकर्ता ने शीर्ष अदालत से दिल्ली सीमाओं पर प्रदर्शनकारियों के समूहों को तत्काल हटाने के निर्देश जारी करने की मांग की है और उन्हें कोरोनावायरस संक्रमण के फैलने के तत्काल खतरे के मद्देनजर दिल्ली पुलिस द्वारा पहले से आवंटित जगह पर स्थानांतरित करने का आग्रह किया है.

याचिका में कहा गया है, “प्रदर्शनकारियों के इस तरह के गैरजिम्मेदाराना कृत्य से लोग प्रभावित हुए हैं और राज्य इन प्रदर्शनकारियों को हटाने की स्थिति में नहीं हैं, क्योंकि वे भारी संख्या में हैं. इस विरोध के कारण भारत के नागरिकों को बहुत परेशानी हो रही है. इसलिए याचिकाकर्ता ने अदालत के समक्ष जनहित याचिका दायर की है.”

याचिका में कहा गया है कि किसानों के प्रदर्शन से आपातकालीन/चिकित्सा सेवाएं बाधित हो रही हैं. साथ में कोरोना के प्रसार की दलील भी दी गई है. इसका जिक्र करते हुए दिल्ली में तेजी से फैल रहे कोरोना का तर्क पेश किया गया है. ऋषभ शर्मा ने अधिवक्ता ओमप्रकाश परिहार के जरिए अपनी अपील की है.

याचिका में कहा गया कि प्रदर्शन के चलते राजधानी में इलाज कराने के लिए अस्पताल जाने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का एक सप्ताह से अधिक समय से दिल्ली से लगती हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सीमाओं पर प्रदर्शन जारी है. इस बीच दिल्ली के रहने वाले एक शख्स ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए किसानों को सड़कों से हटाने की मांग की है.