दिल्ली में एक ही तरीके से 88 लोगों के अकाउंट से निकले 19 लाख, पुलिस के हाथ लगा ये सुराग

राजधानी दिल्ली के तिलक नगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत 10 दिनों के भीतर हुई 88 लोगों के बैंक अकाउंट से 19 लाख रुपए उड़ा देने के मामले से हड़कंप मचा हुआ है। वहीं इस मामले में दिल्ली पुलिस को अहम सुराग हाथ लगे हैं। पुलिस ने दावा किया है कि केवल 3 एटीएस से ही ये सारी रकम निकाली गई हैं।

पुलिस ने ये भी दावा किया है कि 1 से सात मई के बीच ये रकम निकाली गई है। दरअसल, 88 लोगों के अकाउंट से एक ही पैटर्न से पैसे निकाले गए थे और उनके मोबाइल पर पैसे निकाले जाने के बाद आए मैसेज से इसका पता चला था। पुलिस को संदिग्धों का सीसीटीवी फुटेज भी हाथ लगा है।

तीन एटीएम में दिखे संदिग्ध

पुलिस की मानें तो तीन एटीएम आईसीआईसीआईसी, कोटक महिंद्रा और एक अन्य एटीएम से ये पैसे निकाले गए हैं। पुलिस का कहना है कि अभी तक की जांच में ये आशंका जताई गई है कि ये कार्ड क्लोनिंग से जुड़ा मामला हो सकता है। इसमें स्किमिंग का इस्तेमाल किया गया है। ये संदिग्ध इन्हीं तीन एटीएम में दाखिल होकर वारदात को अंजाम देते हुए दिखाई दे रहे हैं। हर रोज अलग-अलग एटीएम में संदिग्ध रात को दाखिल होते हैं। इन दो संदिग्धों में से एक कैप लगाए हुए है। ये पहले एटीएम में अंदर-बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों पर स्प्रे करते हैं जिसके बाद कुछ दिखाई नहीं देता है। इसके बाद उसी टाइमिंग व डेट पर लोगों के पैसे निकलने को डेटा पुलिस के हाथ लगा है। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने 88 केस की जांच के लिए अलग से टीम गठित की है।

कार्ड क्लोनिंग से जुड़ा हो सकता है मामला, पुलिस को शक

पुलिस की टीम तिलक नगर के करीब 50 एटीएम में जाकर छानबीन कर चुकी है। लेकिन संदिग्धों की गतिविधि केवल तीन एटीएम के इर्द-गिर्द दिखाई दी है। पुलिस दावा कर रही है कि जल्दी ही इन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। दरअसल, क्रेडिट कार्ड क्लोनिंग या स्किमिंग में संदिग्ध आपके कार्ड की जानकारी जैसे कार्ड नंबर, सीवीवी, पिन, एक्सपायरी डेट और नाम चुरा लेते हैं। इसके बाद इस आधार पर नकली कार्ड की कॉपी बनाकर उनका इस्तेमाल शुरू कर देते हैं।

कार्ड होल्डर को बाद में मिली पैसे निकाले जाने की खबर

कार्ड होल्डर को बिना बताए कार्ड क्लोन करने के लिए स्कैनिंग स्लॉट वाली डिवाइस का इस्तेमाल कर कार्ड स्वाइप कर लेते हैं। ठगी के लिए इस्तेमाल की जाने वाली इन मशीनों में ऐसे टूल (सॉफ्टवेयर) होते हैं जिसमें 3 हजार कार्ड तक की जानकारी स्टोर की जा सकती है। जब कार्ड की जानकारी स्कैन और कॉपी हो जाती है, उसके बाद कार्ड का क्लोन बनाने के लिए किसी एक्सपायर्ड या चोरी हुए कार्ड डिटेल कॉपी कर लेते हैं।

88 लोगों के अकाउंट से गायब हुए 19 लाख

पुलिस के पास 88 लोगों ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके खाते से पैसे निकाल लिए गए, जबकि ना ही उन्होंने किसी को एटीएम दिया, ना OTP आया और ना ही कोई लेनदेन हुआ था। शिकायत करने वालों में किसी के खाते से 20 हजार, किसी के 50 हजार, तो किसी के 75 हजार रु एक झटके में गायब हो गए। इस तरह इन लोगों से कुल 19 लाख रु ठग लिए गए। खास बात यह है कि ये सभी शिकायती अलग-अलग बैंकों के एटीएम कार्ड का इस्तेमाल करते हैं। पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू की है।