दिल्ली में एक तरफ किसानों की बिगड़ती तबियत, दूसरी तरफ जारी हुआ…

किसानों के समर्थन में कई हस्तियां सामने आ रही हैं और अवार्ड वापसी का सिलसिला भी चल पड़ा है। इस कड़ी में अब पंजाब के पटियाला में पंजाब होम गार्ड्स के एक सेवानिवृत्त कमांडेंट राय सिंह धालीवाल ने प्रदर्शनकारी किसानों के साथ एकजुटता के साथ अपना राष्ट्रपति पदक वापस करने की घोषणा की है।

 

बता दें कि इससे पहले गुरुवार को एनडीए से अलग हो चुके शिरोमणि अकाली दल के नेता और पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल ने किसानों के समर्थन में अपना पद्म विभूषण पुरस्कार लौटा दिया है। उनके अलावा पार्टी के राज्यसभा सांसद सुखदेव सिंह ढींढसा ने भी इन कृषि कानूनों के विरोध में अपना पद्म भूषण पुरस्कार लौटाने का ऐलान कर दिया है।

किसानों का तीखा तेवर बैठक में भी दिखा। वार्ता के दौरान किसान नेता सरकार से बेहद नाराज नजर आए। किसान नेताओं ने कहा कि सरकार हमारी मांगों पर फैसला ले, नहीं तो हम बैठक से जा रहे हैं।

किसान संगठनों ने कहा कि हमारे पास एक साल की सामग्री है। सरकार को तय करना है वो क्या चाहती है। किसान नेताओं ने सरकार से कहा कि आप बता दीजिए कि आप हमारी मांग पूरी करेंगे या नहीं। किसान सरकार से हां या ना में जवाब मांग रहे थे। वे प्ले कार्ड लेकर पहुंचे थे, जिसपर Yes or No लिखा था।

राजधानी में एक बार फिर कोरोना संक्रमण की रफ्तार तेज होने के आसार उत्पन्न हो गए हैं। सिंघु बॉर्डर पर डटे 300 से ज्यादा किसानों को बुखार, जुकाम और खांसी है, लेकिन उन्होंने कोरोना जांच कराने से इनकार कर दिया है।

उनका कहना है कि इसके पीछे उन्हें यहां से हटाने की साजिश भी हो सकती है। हालांकि, दिल्ली सरकार की ओर से किसानों के लिए स्वास्थ्य के साथ तमाम सुविधा उपलब्ध कराई गई हैं।

देश के किसान कृषि कानूनों के विरोध में बीते दस दिनों से सड़क पर हैं। वे दिल्ली बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। किसानों के विरोध के गतिरोध को खत्म करने के लिए सरकार और किसानों के बीच अब तक पांच दौर की बातचीत हो चुकी है।

शनिवार को पांच घंटे तक चली वार्ता में किसान और सरकार किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंचे, जिसके बाद 9 दिसंबर को एक बार फिर दोनों पक्ष आमने-सामने होंगे।

वहीं भीषण ठंड में सड़क पर डेरा डाले किसानों की तबियत भी बिगड़ रही है। नाराज किसानों ने कोरोना टेस्ट से भी इंकार कर दिया है। दूसरी ओर कई अन्य लोग भी अवार्ड वापसी के लिए सामने आ रहे हैं।