दिल्ली में आज रात हो सकता है ये, किसान नेताओं ने दी ये बड़ी प्रतिक्रिया

26 जनवरी को रैली शुरू होने के बाद ही प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए थे। आईटीओ पर पुलिस मुख्यालय के सामने उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव किया और सड़कों पर घंटों ट्रैक्टरों से स्टंट किए।

 

नांगलोई, अक्षरधाम, सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, पीरागढ़ी, अप्सरा बॉर्डर, मुकरबा चौक, आजादपुर मेट्रो स्टेशन के पास हिंसा हुई और करोड़ों की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया।

बलवीर सिंह राजेवाल: ट्रैक्टर रैली में शांति बनाए रखें, जिस प्रकार से इतने दिन आंदोलन शांतिपूर्ण हुआ है उसी प्रकार से रैली भी शांतिपूर्ण तरीके से पूरी की जाए।

दर्शनपाल सिंह: ट्रैक्टर रैली के दौरान सब शांति बनाए रखें। अनुशासित रहें और ट्रैक्टर में किसी भी तरह का स्टंट न करें। अप्रिय घटना होने पर हमारे लिए चिंता बढ़ेगी।

राकेश टिकैत: भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत जो दो माह से नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर दिल्ली सीमा पर धरने पर बैठे हैं उन्होंने शांतिपूर्ण रैली का वादा किया था।

उन्होंने कहा था कि हम किसी भी प्रकार से कानूनी नियमों का उल्लघंन नहीं होने देंगे। ट्रैक्टर परेड में हिंसा का सवाल ही नहीं है। हालांकि रैली से पहले टिकैत का वीडियो वायरल हुआ जिसमें उन्होंने प्रदर्शनकारियों से अपने साथ लाठी लाने की अपील की।

योगेंद्र यादव: ट्रैक्टर रैली से पहले योगेंद्र यादव ने कहा था कि शांतिपूर्ण तरीके से विरोध होगा। इस रैली में कोई भी हथियार न लाए। भड़काऊ भाषण न दें और किसी भी प्रकार से हिंसा में शामिल न हो।

किसानों का आरोप है कि पुलिस ने रैली निकालने नहीं दी। वहीं पुलिस ने कहा है कि किसानों ने उनके विश्वास को तोड़ा और तय 37 शर्तों में से एक का भी पालन नहीं किया। पूरी घटना को लेकर अब तक 15 एफ आई आर दर्ज की गई है। राजधानी दिल्ली में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।

ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) की आड़ में 26 जनवरी के दिन देश की राजधानी के कई इलाकों में जमकर हिंसा हुई। रैली से पहले किसान नेतओं ने दावा किया था कि रैली शांतिपूर्ण ढंग से आयोजित की जाएगी।

लेकिन रैली के दौरान सामने आई वीडियो और तस्वीरें हिंसा की तस्दीक करती हैं। 72 वें गणतंत्र दिवस समारोह को दिल्ली में किसान आंदोलन की आड़ में हुई हिंसा के लिए याद रखा जाएगा।

इस दौरान किसान नेताओं ने पहले शांतिपूर्ण रैली का दावा करके पुलिस की अनुमति ली और उसके बाद जो हिंसा हुई उसकी जिम्मेदारी लेने से भी साफ इनकार कर दिया।