दिल्ली की रिंग रोड पर यातायात व्यवस्था में सुधार के लिए लिया गया यह बड़ा फैसला

दक्षिणी दिल्ली में रिंग रोड पर यातायात व्यवस्था में सुधार के लिए नया इस्तेमाल होने जा रहा है. रिंग रोड पर एंड्रयूज गंज से लेकर भीकाजी कामा प्लेस तक बने चार फ्लाईओवरों को आपस में जोड़ा जाएगा. ऐसा कर करीब पांच किलोमीटर भाग को एलिवेटेड कॉरिडोर बना दिया जाएगा. इससे रिंग रोड पर लोगों को जाम से बड़ी राहत मिलेगी. साथ ही नौरोजी नगर  सरोजनी नगर में विकसित हो रही कॉलोनियों से रिंग रोड पर पड़ने वाले यातायात के दबाव का निवारण भी निकल जाएगा.

गौरतलब है कि खासकर शनिवार और रविवार को छोड़ दें तो अन्य दिनों में रिंग रोड पर प्रातः काल और शाम रेंगते हुए वाहन गुजरते हैं. दक्षिणी दिल्ली में इस रोड के मूलचंद से लेकर भीकाजी कामा प्लेस तक का भाग व्यस्त समय में जाम वाला हो गया है, मगर अब इसी रोड पर भीकाजी कामा प्लेस के पास नौरोजी नगर में राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम (एनबीसीसी) 30 लाख वर्ग फीट एरिया में व्यावसायिक हब बना रहा है.

इसके अतिरिक्त किदवई नगर, नौरोजी नगर, नेताजी नगर, सरोजनी नगर, मोहम्मदपुर, त्यागराज नगर, कस्तूरबा नगर, श्रीनिवासपुरी और एम्स ट्रामा सेंटर एरिया में बहुमंजिला इमारतों में बड़ी संख्या में फ्लैट बनने जा रहे हैं. ऐसे में माना जा रहा है इन कॉलोनियों के तैयार होने पर रिंग रोड पर यातायात की गंभीर समस्या खड़ी हो जाएगी. इसी देखते हुए कॉरिडोर बनाने की योजना बनाई गई है.

अभी इस भाग में 500-750 मीटर के चार फ्लाईओवर हैं. जिनकी कुल मिलाकर ढाई किलोमीटर लंबाई है. योजना के तहत इन चारों फ्लाईओवर को आपस में जोड़ा जाना है. इसके लिए करीब साढ़े तीन किलोमीटर लंबा भाग  बनाया जाना है.

क्या है योजना
योजना के तहत रिंग रोड पर मूलचंद अंडरपास पार करने के बाद से फ्लाईओवर प्रारम्भ हो जाएगा जो एंड्रयूज गंज फ्लाईओवर में मिलाया जाएगा. इसके लिए एंड्रयूज गंज फ्लाईओवर के पिलर वाले हिस्से को छोड़कर अन्य सारे भाग को तोड़ दिया जाएगा. वहीं एंड्रयूजगंज फ्लाईओवर की तरह ही एम्स फ्लाईओवर के भी उतरने  चढ़ने वाले हिस्से तोड़ दिए जाएंगे. दोनों फ्लाईओवरों को मिला दिया जाएगा. एम्स से सरोजनी नगर  सरोजनी से भीकाजी कामा प्लेस फ्लाईओवर को मिला दिया जाएगा. इसमें सरोजनी नगर फ्लाईओवर के भी दोनों ओर के ढलान वाले हिस्से तोड़ दिए जाएंगे. जबकि भीकाजी कामा प्लेस फ्लाईओवर का केवल सरोजनी नगर फ्लाईओवर की ओर वाला ही भाग तोड़ा जाएगा.इस तरह पांच किलोमीटर का यह पूरा भाग एलिवेटेड कर दिया जाएगा. केन्द्र सरकार के कहने पर एनबीसीसी के लिए दिल्ली लोक निर्माण विभाग ने इस योजना का अध्ययन कर रिपोर्ट यूनिफाइड ट्रैफिक एंड ट्रांसपोर्टेशन इंफ्रास्ट्रक्चर (प्लानिंग एंड इंजीनियरिंग) सेंटर (यूटिपेक) को सौंप दी है. पीडब्ल्यूडी इस योजना को यूटिपेक से मंजूरी दिलाकर केन्द्रसरकार को सौंप देगा. इसके बाद केन्द्र सरकार निर्णय लेगी कि उसे इस काम को पीडब्ल्यूडी से कराना है या किसी अन्य एजेंसी को देना है.

एंड्रयूज गंज से लेकर भीकाजी कामा प्लेस तक बने चार फ्लाईओवरों को जोड़कर बनाए जाने वाले पांच किलोमीटर लंबे एलिवेटेड कॉरिडोर से नेताजी नगर  सरोजनी नगर का यातायात दबाव भी घटेगा. जानकारी के मुताबिक, नेताजी नगर  सरोजनी नगर में कॉलोनियों को दोबारा विकसित किया जा रहा है. नेताजी नगर में जहां 4,887 फ्लैट बनाए जा रहे हैं, वहीं सरोजनी नगर में 10,655 फ्लैट बनाए जाने हैं. उम्मीद है कि ये फ्लैट 2020-21 में बनकर तैयार हो जाएंगे. किदवई नगर में भी 48 सौ फ्लैट बनाए जाने का कार्य भी करीब 90 फीसद तक पूरा हो गया है. ऐसे में जानकारों की मानें तो सभी कॉलोनियां बस जाने के बाद अगर 50 हजार वाहनों का दबाव भी बढ़ता है तो वह कम नहीं बोला जा सकता. ऐसे में लोगों को जाम से निजात दिलाने के लिए यह कॉरिडोर अहम साबित होगा.

नेताजी नगर, सरोजनी नगर के लोगों को मिलेगी राहत

कौन-कौन सा फ्लाईओवर है इस भाग के अंदर
पिंक लाइन पर वाहनों के दबाव के मद्देनजर ही फेज तीन में पिंक लाइन (शिव विहार-मजलिस पार्क) का निर्माण किया गया है, जिस पर मेट्रो का परिचालन भी हो रहा है. दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में लोग इस कॉरिडोर की मेट्रो ट्रेन का प्रयोग अधिक करेंगे, इसलिए पिंक लाइन मेट्रो रिंग रोड पर वाहनों का दबाव कम करने में मददगार होगी. इस कॉरिडोर के तैयार होने के बाद भीकाजी कामा प्लेस से एंड्रयूज गंज के बीच ट्रैफिक जाम की समस्या पहले के मुकाबले थोड़ा कम हुआ है. हालांकि अब भी रिंग रोड पर जाम समस्या है.

बहरहाल, भीकाजी कामा प्लेस से एंड्रयूज गंज के बीच पिंक लाइन पर चार मेट्रो स्टेशन शामिल हैं. जिनमें साउथ एक्सटेंशन, आइएनए, सरोजनी नगर और भीकाजी कामा प्लेस शामिल हैं, इसलिए इन स्टेशनों पर उतरकर आसपास के प्रमुख बाजारों और कॉलोनियों में सरलता पहुंचा जा सकता है.

मौजूदा समय में पिंक लाइन पर 33 ट्रेनों का परिचालन हो रहा है  व्यस्त समय में हर 5:12 मिनट के अंतराल पर मेट्रो उपलब्ध होती हैं. हालांकि इस कॉरिडोर की मेट्रो ट्रेनों में यात्रियों का दबाव बढ़ने और स्वचालित मोड में परिचालन होने पर ट्रेनों की संख्या और फ्रिक्वेंसी भी बढ़ाई जाएगी. इससे यात्रियों को आवागमन में सुविधा होगी.