तो इस वजह से राधा से ज्यादा अपनी वंशी को प्रेम करते थे श्री कृष्णा, यह थी वजह

आप सभी को बता दें कि इस वर्ष यानी 2019 में श्री कृष्णा का जन्मदिन दो दिन मनाया जा रहा है ऐसे में आज भी जन्माष्टमी का त्यौहार सभी स्थान मानाया जा रहा है वहीं सभी जानते हैं कि श्रीकृष्ण भगवान विष्णु के अवतार है जो सोलह कलाओं से सुशोभित है ऐसे में उनकी बांसुरी कला के बारे में पूरी संसार जानती है  बोला जाता है जब कृष्ण के मुख से बांसुरी की धून निकलती थी तो जीव-निर्जीव सब झूम उठते थे इसी के साथ मोरपंख की तरह ही श्रीकृष्ण के हाथों में सदैव बांसुरी रहती थी  वह बांसुरी केवल राधारानी के लिए ही बजती थी अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर बांसुरी को वंशी क्यों कहते हैं

जी दरअसल वंशी को उल्टा करने पर शिव बनता है बांसुरी शिव का रूप है  शिव वो हैं जो संपूर्ण दुनिया को अपने प्रेम के वश में रखते है ऐसे में शिव और विष्णु के अटूट प्रेम के शास्त्र साक्षी है दोनों एक दूसरे के पूरक है  उनका व्यवहार  वाणी दोनों ही बांसुरी की तरह मधुर है इसी के साथ ऐसा बोला जाता है एक बार राधा ने भी बांसुरी से पूछा -हे प्रिय बांसुरी यह बताओ कि मैं कृष्ण जी को इतना प्रेम करती हूं , फिर भी कृष्ण जी मुझसे अधिक तुमसे प्रेम करते हैं, तुम्हें अपने होठों से लगाए रखते हैं, इसका क्या कारण है? बांसुरी ने बोला – मैंने अपने तन को कटवाया , फिर से काट-काट कर अलग की गई, फिर मैंने अपना मन कटवाया यानी बीच में से, बिल्कुल आर-पार पूरी खाली कर दी गई फिर अंग-अंग छिदवायामतलब मुझमें अनेकों सुराख कर दिए गए उसके बाद भी मैं वैसे ही बजी जैसे कृष्ण जी ने मुझे बजाना चाहा मैं अपनी मर्ज़ी से कभी नहीं बजी यही अंतर है आप में  मुझमें कृष्ण जी की मर्जी से चलती हूं  तुम कृष्ण जी को अपनी मर्ज़ी से चलाना चाहती हो

आप सभी इस बात को जानते ही होंगे कि बांसुरी में 8 छेद होते हैं जिसमें पहला मुंह के पास, जिससे हवा फूंकी जाती है  6 छेद सरगम के होते हैं जिन पर उंगलियां होती हैं इसी के साथ सबसे नीचे छेद होता है, जो 8वां छेद है . बांसुरी बनाना केवल बांस में छेद कर देना भर नहीं है  इसमें अगर एक भी छेद गलत हो गया तो फिर वह बांसुरी बेसुरी हो जाती है कहते हैं बांसुरी बनाने में ज्यादा वक्त नहीं लगता है, लेकिन मधुर धून के साथ बनाने में बहुत अधिक समय लग जाता है बांसुरी शांति और समृद्धि का प्रतीक है  घर के मुख्य द्वार पर बांस की बांसुरी लटकाने से समृद्धि आने लगती है