तेलंगाना विधानसभा चुनाव: केसीआर के भतीजे रचेंगे इतिहास

तेलंगाना में चुनावी बिगुल बज चुका है. सभी पार्टियों मतदाताओं को अपने-अपने तरीके से लुभाने की प्रयास कर रही हैं. राज्य में एक ऐसा नेता है जिसे चुनाव होने से पहले ही अपनी जीत का पूरा भरोसा है. दिलचस्प बात यह है कि इस नेता को बिना ज्यादा कुछ किए ही जीत का स्वाद चखने को हर बार मिल जाता है. वह इतने मजबूत उम्मीदवार हैं कि विपक्षी पार्टियों को उनके विरूद्ध किसी उम्मीदवार को उतारने में कठिनाई हो रही है. Image result for तेलंगाना विधानसभा चुनाव

इस नेता का नाम टी हरीश राव है जो राज्य के सिंचाई मंत्री होने के साथ ही तेलंगाना राष्ट्रीय समिति के अध्यक्ष  कार्यवाहक CM के चंद्रशेखर राव के भतीजे हैं. हरीश छठवीं बार सिद्दीपेट विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. वह आने वाले चुनावों में डबल हैट्रिक बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. पहली बार 2004 के चुनाव में वह इस सीट से मैदान में उतरे थे.

सिद्दीपेट को उनके चाचा केसीआर ने करीमनगर से लोकसभा का चुनाव लड़ने के लिए खाली किया था. पहली बार चुनाव जीतने के बाद हरीश ने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.पहली बार उन्हें 24,829 मतों से विजय मिली थी. उन्होंने तेलुगू देशम पार्टी के उम्मीदवार चेरेकु मुथ्यम रेड्डी को हराया था. हरीश ने यहां अपना ब्रांड स्थापित किया है. हर बीतते चुनाव के साथ उनकी जीत के मतों में वृद्धि हुई है.

2009 चुनावों में हरीश को 64,877 मतों से जीत मिली थी. जबकि उनके चाचा केसीआर को पूरे महबूबनगर संसदीय एरिया से केवल 20,000 सीटों से जीत मिली थी. महबूबनगर में विधानसभा की सात सीटे आती हैं. 2014 चुनाव में जब आंध्र प्रदेश से अलग होकर तेलंगाना राज्य सच बना तो हरीश को सबसे ज्यादा 93,928 मतों से जीत मिली. उन्होंने अपने कांग्रेस पार्टी प्रतिद्वंदी टी श्रीनिवास गौड़ को 72.8 फीसदी से हराया था. वहीं उनकी तुलना में केसीआर को गजवेल विधानसभा से केवल 19,000 मतों से जीत मिली थी.

इब्राहिमपुर से टीआरएस नेता के येल्ला रेड्डी ने कहा, ‘इस बार वह एक लाख मतों से जीतकर नया रिकॉर्ड कायम करेंगे. उन्हें खुद के लिए चुनाव प्रचार करने की कोई जरुरत नहीं है.‘ उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि विपक्षी पार्टियां उनके विरूद्ध किसी भी उम्मीदवार को खड़ा नहीं कर रही हैं. कांग्रेस पार्टी ने राज्य की अपनी सहयोगी पार्टी तेलंगाना जन समिति को सिद्दीपेट सीट दी है. इस पार्टी को हरीश के विरूद्ध मैदान में उतारने के लिए कोई योग्य उम्मीदवार नहीं मिल रहा है.