तेजी से फ़ैल रहा कोरोना का नया स्ट्रेन, सावधान हो जाए लोग

कोरोना वायरस का ये नया एडिशन ऐसे समय पर सामने आया है जब दुनिया कोरोना वैक्सीनों की मदद से जल्द से जल्द इस महामारी से मुक्ति पाने की उम्मीद पाले बैठी है। अमेरिका और यूके समेत कई देशों में वैक्सीन लगाने का काम शुरू हो चुका है।

 

भारत समेत अन्य कई देश जल्द ही वैक्सीनेशन शुरू करने वाले हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि वैक्सीन नए स्ट्रेन पर काम करेगी कि नहीं। वैज्ञानिकों ने उम्मीद जताई है कि सभी वैक्सीनों का नए स्ट्रेन पर मजबूत असर होगा।

भारत बायोटेक और आईसीएमआर की ‘कोवैक्सिन’ को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दे दी है। कोवैक्सिन के बारे में आईसीएमआर के प्रमुख डॉ बलराम भार्गव ने उम्मीद जताई है कि ये कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के खिलाफ भी कारगर होगी।

डॉ भार्गव ने कहा है कि कोरोना वायरस में स्पाइक प्रोटीन समेत अन्य कई जगहों पर म्यूटेशन हुए हैं। फाइजर ने कहा है कि उन्हें वैक्सीन को बदलने में छह हफ्ते लगेंगे। लेकिन चूंकि कोवैक्सिन पूरे वायरस को मारकर बनाई गई है, इसके म्यूटेंट स्ट्रेन के खिलाफ भी कारगर होने की अधिक संभावना है। उन्होंने कहा कि कोवैक्सिन को इसी कारण डाटा की कमी के बावजूद आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दी गई है।

कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन पहली बार सितंबर में दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड में पाया गया था और जॉन्सन की सरकार ने इसके 70 प्रतिशत संक्रामक होने का दावा किया है। यूके में इसी वजह से सघन टीकाकरण की शुरुआत झटपट की गयी है। इसी क्रम में आस्ट्रा जेनेका की वैक्सीन को भी मंजूरी दी गयी।

नया स्ट्रेन लंदन और यूके के अन्य हिस्सों में बहुत तेजी से फैल रहा है।कुछ ही समय में यहां कोरोना वायरस का प्रमुख वेरिएंट बन गया है। इस स्ट्रेन के अधिक घातक होने के सबूत नहीं मिले हैं, हालांकि अभी इस दिशा में और शोध किए जा रहे हैं।

यूरोपीय देशों की बात करें तो अब तक फ्रांस, डेनमार्क, स्पेन, स्वीडन, नीदरलैंड्स, आयरलैंड, जर्मनी और इटली में नए स्ट्रेन के मामले सामने आए हैं। यूरोप से बाहर के देशों में विएतनाम, तुर्की, जापान, ऑस्ट्रेलिया, लेबनान, कनाडा, दक्षिण कोरिया, भारत और अमेरिका आदि में नए स्ट्रेन से संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं। भारत में नए स्ट्रेन के जो केस मिले हैं वो सब यूके से लौटे यात्री हैं।

कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन बहुत तेजी से फ़ैल रहा है। 30 से अधिक देशों में नए स्ट्रेन के मामले सामने आ चुके हैं। यूनाइटेड किंगडम में कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन मिलने के बाद उसे फैलने से रोकने की कवायद कि गयी लेकिन यूरोप के अलावा इससे बाहर के देशों में भी नए स्ट्रेन के मामले सामने आ चुके हैं। भारत भी इससे अछूता नहीं है। नए स्ट्रेन की जीनोम सीक्वेंसिंग करने पर अन्य देशों में भी इसके संक्रमण के मामले सामने आने की आशंका है।