तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार पर बोला हमला, कहा देश का पेट पालने वाले किसानों को…

कृइसके बाद राजद के नेता और कार्यकर्ता ज्ञान भवन के पास गेट नंबर-4 के आगे ही दरी बिछाकर धरना पर बैठ गए और कृषि कानूनों तथा केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने लगे। धरना के निर्धारित समय के कुछ देर बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव, राजद के प्रदेश अध्‍यक्ष जगादानंद सिंह, दानापुर के दबंग विधायक रीतलाल यादव, श्‍याम रजक सहित कई नेता और बड़ी संख्‍या में कार्यकर्ता वहां पर पहुंचे और धरने पर बैठ गए।

दरअसल, तेजस्वी यादव की अगुवाई में गांधी मैदान स्थित गांधी मूर्ति के समक्ष शनिवार सुबह 10 बजे से दो घंटे के लिए सांकेतिक धरने पर बैठने का कार्यक्रम तय था।

गांधी मैदान में सुबह से ही राजद नेता और कार्यकर्ता जुटने लगे थे, तभी जिला प्रशासन ने कार्यकर्ताओं को बाहर निकालकर गांधी मैदान सील कर दिया। उन्होंने पहले धरने की अनुमति नहीं ली थी। इसके लिये प्रशासन ने उन्हें कोई अनुमति नहीं दी थी। उन्हें बताया गया कि धरना के लिए पहले से अनुमति नहीं ली गई है।

तेजस्वी ने आरोप लगाया कि केंद्र के किसान और मजदूर विरोधी फैसलों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी सहभागी हैं। केंद्र सरकार आज जो बातचीत कर रही है, वह कानून बनाने से पहले होनी चाहिए थी। उन्होंने राज्य के सभी किसानों और संगठनों से बिल के खिलाफ सड़कों पर उतरने की अपील की।

कृषि कानूनों के विरोध और किसान आंदोलन के समर्थन में शनिवार को महागठबंधन और विरोधी दल के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव की अगुवाई में कार्यकर्ताओं ने राजधानी पटना के गांधी मैदान गेट पर धरना दिया।

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कृषि कानूनों को काला कानून करार देते हुए सरकार से तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की। कहा, देश का पेट पालने वाले किसानों को फसल की वाजिब कीमत नहीं मिल पा रही है। मोदी सरकार ने कृषि क्षेत्र को भी प्राइवेट कंपनियों को देने की साजिश रच दी है। सरकार उन्हें भूखा रखना चाहती है।