ताइवान के राष्ट्रपति साई इंग-वेन ने शनिवार को मध्यावधि चुनावों में सत्ताधारी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (डीपीपी) को मिली करारी शिकस्त के बाद पार्टी के नेता पद से त्याग पत्र दे दिया। चुनावों में डीपीपी की इस पराजय के बाद साल 2020 में इंग-वेन के फिर से राष्ट्रपति चुने जाने की आसार बहुत ज्यादा कम हो गई है।
चाइना के प्रति वफादार मानी जाने वाली मुख्य विपक्षी कुओमितांग (केएमटी) ने इस द्वीपीय राष्ट्र में चाइना के बढ़ते असर के बीच मध्यावधि चुनावों में बढ़त हासिल की है। ताइवान में समलैंगिक शादी पर हुए जनमत संग्रह के नतीजे का इंतजार है।
समलैंगिक अधिकार कार्यकर्ताओं को भय है कि रूढ़िवादियों की जीत से एक बार फिर उनकी मांग पर कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया जाएगा। साई व डीपीपी को पेंशन में कटौती, चाइना से बिगड़ते रिश्तों सहित कई घरेलू सुधारों को लेकर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। चाइना स्वशासित ताइवान को अपने एरिया का भाग मानता है जिसके फिर से एकीकरण की आवश्यकता है।
साई ने पत्रकारों को बताया कि वह पार्टी के अध्यक्ष के तौर पर पराजय की ‘‘पूरी जिम्मेदारी’’ लेते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं डीपीपी के अध्यक्ष के पद से त्याग पत्र देता हूं। हमारे कोशिशनाकाफी थे व हमने अपने उन समर्थकों को निराश किया जिन्होंने हमारे साथ लड़ाई लड़ी। मैं माफी मांगना चाहता हूं। ’’
केएमटी को 22 शहरी व काउंटी सीटों में से 15 पर जीत मिली है। डीपीपी को सिर्फ छह सीटों पर जीत मिली। उसे 20 वर्ष में पहली बार अपने गढ़ काओहसियुंग सिटी में भी पराजयका सामना करना पड़ा। पिछले चुनाव में डीपीपी को 13 व केएमटी को छह सीटें मिली थी। ताइपेई के मेयर के लिए हुए चुनाव के नतीजे अभी घोषित नहीं हुए हैं