डोनाल्ड ट्रंप के कोरोना पॉजिटिव होते ही इस देश ने शुरू की हमले की तैयारी, तैनात की मिसाइल

इसके तहत अमेरिका के आसमान में दो E-6B Mercury प्लेन लगातार देश के दोनों छोरों पर गश्त लगा रहे हैं. ये नजर रखने का काम कर रहे हैं. अगर अमेरिका पर हमला होता है तो ये विमान बैलिस्टिक-मिसाइल पनडुब्बियों से संपर्क करेंगे और यही पनडुब्बियां दुश्मन देश को परमाणु मिसाइल से जवाब देंगी.


ये तो हुई बाहरी हमलों से देश को बचाने की पहल. साथ ही अमेरिकी संविधान में इसका भी जिक्र है कि अगर राष्ट्रपति गंभीर रूप से बीमार हो जाए तो क्या किया जाना चाहिए. शोध संस्था ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन (Brookings Institution) के अनुसार अगर ऐसा होता है तो अमेरिकी संविधान की धारा 3 के 25वें संशोधन का सहारा लिया जा सकता है.

इसके तहत राष्ट्रपति बता सकता है कि वो दफ्तर के काम संभालने में फिलहाल सक्षम नहीं. जैसे ही राष्ट्रपति ऐसा करता है, तुरंत वाइस प्रेसिडेंट उनकी जगह कार्यवाहक अध्यक्ष की भूमिका में आ जाता है.

सुपर पावर देश के सबसे अहम पद पर बैठे ट्रंप का बीमार होना कई जगहों पर असर डाल सकता है. रक्षा मंत्रालय का न्यूक्लियर डूम्स डे प्लेन लाना यही बताता है. इसके तहत माना जाता है कि अगर कोई देश राष्ट्रपति के बीमार होने का फायदा उठाकर देश पर हमला करने को सोचे तो उसका भरपूर मुकाबला करना है. यही वजह है कि दुश्मनों को चेताने के लिए पहले से ही प्लेन लॉन्च हो जाता है.

हालांकि ट्रंप में इसके अलावा ऐसी कोई बीमारी की जानकारी नहीं, जो उन्हें कोरोना से जुड़कर ज्यादा संवेदनशील बना सके. कुल मिलाकर फिलहाल ट्रंप में सर्दी और थकावट जैसे हल्के-फुल्के लक्षण ही दिख रहे हैं. फिलहाल ट्रंप वॉशिंगटन के बाहर एक सैन्य अस्पताल में आने वाले दिन कोरोनोवायरस के इलाज के लिए बिताएंगे, लेकिन काम करना जारी रखेंगे.

ट्रंप के फिजिशियन सीन पी कोनली के मुताबिक फिलहाल उनकी सेहत को लेकर चिंता की बात नहीं. बता दें कि 74 साल के ट्रंप वैसे तो उम्र के उस दायरे में हैं, जो कोरोना के लिए ठीक नहीं माना जा रहा है.

इसके अलावा सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक 6 फीट, 3 इंच कद वाले ट्रंप मोटापे से भी ग्रस्त हैं. कोरोना का ट्रेंड बताता है कि मोटापे के शिकार मरीजों का कोरोना संक्रमण तिगुना गंभीर हो सकता है.

राष्ट्रपति चुनावों से ठीक एक महीने पहले डोनाल्ड ट्रंप और फर्स्ट लेडी मेलानिया ट्रंप (Donald Trump and Melania Trump) की कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई. इसके साथ ही अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने न्यूक्लियर डूम्स डे प्लेन लॉन्च कर दिया. ये वो परिस्थिति है.

जब कोई भी राष्ट्रपति से संपर्क नहीं कर सकता और देश की सुरक्षा के लिए ये प्लान लॉन्च किया जाता है, जो एक तरह से चेतावनी है कि अगर कोई भी अमेरिका की सुरक्षा से छेड़छाड़ करे तो उसे परमाणु हमला (nuclear attack) झेलना होगा. वैसे ट्रंप का कोरोना कई बड़े बदलाव ला सकता है. सबसे पहले तो राष्ट्रपति की हालत के बारे में जानते हैं.