ट्रैक्टर रैली के बाद अभी – अभी किसानो ने किया ये, राकेश टिकैत के लिए…

आंदोलनकारी किसानों ने गाजीपुर सीमा (दिल्ली-उत्तर प्रदेश) पर आज सुबह-सुबह ‘जय जवान, जय किसान’, ‘इंकलाब जिंदाबाद’ के नारे लगाए। उत्तर प्रदेश पुलिस और प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी (PAC) ने कल देर रात विरोध स्थल को छोड़ दिया।

गुरुवार रात को यूपी पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) को खाली करवाने की पुरजोर कोशिश की, लेकिन भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) और उनके समर्थक वहीं पर डटे रहे। इसके बाद पुलिस को वापस लौटना पड़ा। टिकैत का कहना है कि उनका आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से जारी रहेगा और वो सरकार के सामने अपने मुद्दे रखेंगे।

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के सांसद हनुमान बेनीवाल ने आज संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग करते हुए एक तख्ती दिखाई और नारे लगाए।

हम सभी को विश्वास में लेने के बाद ही अगले कदम उठाएंगे। वहां (गाजीपुर सीमा) शांति बनाए रखने के लिए तैनात किए गए बल और किसानों के साथ बातचीत चल रही है। कुछ किसानों ने अपना विरोध वापस ले लिया है। पुलिस कुछ भी अवैध नहीं करेगी, हम बातचीत के माध्यम से सब कुछ कर रहे हैं:

वहीं सुबह से ही विपक्षी दलों के नेताओं का गाजीपुर बॉर्डर पहुंचना जारी रहा। राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी, दिल्ली सरकार के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू किसानों को समर्थन देने पहुंचे।

वही राकेश टिकैत द्वारा अपने घर का ही पानी पीने की शपथ के बाद शुक्रवार को कई लोग अपने घरों से पानी लेकर यूपी गेट पहुंचे और राकेश टिकैत को पानी पिलाया। किसानों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। आंदोलन को फिर से ऊर्जा मिल चुकी है।

यूपी गेट पर किसानों की संख्या में कई गुना इजाफा हुआ है। खास तौर पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से किसान भारी संख्या में यूपी के पहुंच रहे हैं। शामली में महापंचायत के बाद यह संख्या और बढ़ सकती है।

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत रोती हुई तस्वीरों के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान उनके पक्ष में लामबंद हो गए हैं। जिसका असर शुक्रवार को यूपी गेट पर देखने को मिला। मंच पर भारी भीड़ है। टेंट फिर से लग गए हैं।

गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) की आड़ में हुई हिंसा के बाद भी किसानों का आंदोलन दिल्ली की सीमाओं पर लगातार जारी है।

वहीं सिंघू बॉर्डर पर स्थानीय लोग प्रदर्शनस्थल को खाली कराने के लिए पहुंच गए हैं। यहां पर किसानों और स्थानीय लोगों के बीच पत्थरबाजी हुई है। इस दौरान पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं।