ट्रंप ने पुतिन को खास खुफिया जानकारी देकर नए साल 2020 में रूस को आंतकी तबाही से बचाया

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साल 2019 के अंत में रूस के साथ अपनी दोस्ती को और पुख्ता कर लिया। ट्रंप ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को एक खास खुफिया जानकारी देकर नए साल 2020 में रूस को आंतकी तबाही से बचा लिया। ट्पं नेपिछले हफ्ते रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को फोन किया और न्यू ईयर पर उनके देश में आतंकवादी हमले की साजिश की जानकारी दी। इसके बाद अमेरिकी खुफिया विभाग ने रूस में इस आतंकी हमले को रुकवाने में मदद की। रूस के गृह मंत्रालय क्रेमलिन ने रविवार को इसका खुलासा किया। क्रेमलिन के मुताबिक ट्रंप ने पिछले हफ्ते पुतिन को फोन किया और आतंकवादी हमले की साजिश की जानकारी दी। अमेरिकी खुफिया विभाग की इस जानकारी के आधार पर रूसी फेडरल एजेंसी ने साजिश रचने वाले दो नागरिकों को गिरफ्तार किया।

बताया गया है कि ट्रंप की इस मदद के लिए पुतिन ने उन्हें फोन कर शुक्रिया कहा। क्रेमलिन ने अपने आधिकारिक बयान में दोनों नेताओं की बातचीत के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी। हालांकि, यह कहा गया कि दोनों नेताओं ने साझा हित के कई मुद्दों पर चर्चा की और द्विपक्षीय संबंध बढ़ाने और आतंक के खिलाफ साथ बनाए रखने के लिए प्रतिबद्धता जताई है। यह पहली बार नहीं है, जब ट्रंप और पुतिन के बीच फोन पर बात हुई। इससे पहले दोनों नेता सीरिया, परमाणु समझौते, उत्तर कोरिया और व्यापार के मुद्दे पर बात कर चुके हैं। दिसंबर 2017 में भी ट्रंप ने पुतिन को सेंट पीटर्सबर्ग में आतंकियों की साजिश की जानकारी दी थी।

तब भी पुतिन ने फोन लगाकर अमेरिकी राष्ट्रपति का शुक्रिया जताया था। ट्रंप इशारा कर चुके हैं कि वे पुतिन के न्योते पर मई 2020 में होने वाली विक्ट्री डे सेलिब्रेशन के लिए मॉस्को जा सकते हैं। दोनों नेता जुलाई 2018 में पहली बार द्विपक्षीय वार्ता के लिए फिनलैंड के हेलसिंकी में मिले थे। यहां ट्रम्प ने यह तक कह दिया था कि अमेरिकी चुनाव में रूस का कोई दखल नहीं था। इसके लिए मीडिया में ट्रंप की काफी आलोचना हुई थी।

बता दें कि ट्रंप पुतिन के बड़े समर्थक माने जाते हैं। 2014 में रूस ने यूक्रेन के क्रीमिया प्रायाद्वीप का बड़ा हिस्सा अपने कब्जे में ले लिया था। तब अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने रूस पर प्रतिबंधों का ऐलान कर दिया था। हालांकि, ट्रम्प ने ओबामा के खिलाफ अपने चुनावी अभियान में कई बार रूसी राष्ट्रपति के समर्थन में बयान दिए थे। रूस पर अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में दखल देने के आरोप भी लगे। इसके बावजूद 2016 में राष्ट्रपति पद संभालने के बाद ट्रम्प ने दोनों देशों के बेहतर रिश्तों पर जोर दिया।