बारिश से प्रभावित मैच में टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज के विरूद्ध दूसरे वनडे में 59 रन की सरल जीत दर्ज कर ली है। अब टीम इंडिया को के बीच तीन मैचों की वनडे सीरीज में 1-0 की अजेय बढ़त मिल गई है। इस मैच में टीम इंडिया की जीत में की सेंचुरी की अहम किरदार रही वहीं गेंदबाजी में भुवनेश्वर कुमार ने चार विकेट के लेकर अपना खास सहयोग दिया। मैच के बाद भुवनेश्वर कुमार ने बताया कि विराट को इस शतक की कितनी आवश्यकता थी।
मैन ऑफ द मैच रहे विराट
कोहली ने इस मैच में 125 गेंदों में 120 रन की पारी खेली। इस पारी की वजह से उन्हें मैन ऑफ द मैच का खिताब दिया गया। भुवी ने बताया कि विराट इस शतक के बहुत ज्यादाबेकरार थे। इस शतक के साथ ही विराट वेस्टइंडीज के विरूद्ध सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बन गए। उन्होंने पाक के जावेद मिंयादाद को पीछे छोड़ा। इसके अतिरिक्तविराट वनडे में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले दूसरे भारतीय बल्लेबाज भी बन गए। उन्होंने सौरव गांगुली को पीछे छोड़ा।
आसान नहीं था विकेट
भुवनेश्वर ने पत्रकारों से वार्ता में बोला कि आप विराट के हावभाव से समझ सकते हैं कि वे शतक लगाने के लिए कितने बेताब थे। वे दुनिया कप में एक भी शतक नहीं बना सके थे, केवल 70 या 80 रन के आसपास पहुंचकर आउट हो रहे थे। उन्होंने आउट होने के बाद पवेलियन आकर हमें बताया कि विकेट सरल नहीं था। इस मैच में कुमार ने क्रिस गेल, निकोलस पूरन, रोस्टन चेस व केमार रोच के विकेट लिए। जब कुमार को विराट ने दूसरे स्पेल के लिए वापस बुलाया तब वेस्टइंडीज का स्कोर चार विकेट के नुकसान पर 179 रन था।जिसके बाद भुवी ने अपने कैप्टन को निराश न करते हुए निकोलस पूरन व रोस्टन चेस को जल्दी ही पवेलियन वापस भेज दिया।
यह थी भुवी की योजना
कुमार ने बोला कि उन्होंने इकोनॉमिक बॉलिंग करने व और डॉट गेंद कर दबाव बनाने की योजना बनाई थी। उन्होंने कहा, “मैं नतीजों के बारे में नहीं सोच रहा था। हम जानते थे कि यदि हमने एक दो विकेट ले लिए तो हम मैच में वापस आ जाएगें। मैंने केवल किफायती व डॉट गेंदें फेंकने की योजना बनाई थी। पूरन का विकेट अहम था व रोस्टन चेस का विकेट भी। चेस लगातार हड़ताल बदल रहे थे इसलिए उनका विकेट भी महत्वपूर्ण था।