जोधपुर में बाइक चालकों को शायद अपनी सुरक्षा की नहीं चिंता इसलिए कर रहे है ऐसे काम

प्रदेश के दूसरे बड़े शहर जोधपुर में बाइक चालकों को शायद अपनी सुरक्षा की चिंता नहीं है ऐसा हम नहीं बल्कि यातायात पुलिस के आंकड़े बता रहे हैं आंकड़ों के मुताबिक पिछले तीन वर्षों में जोधपुर कमिश्नरेट में हेलमेट खरीदने से कई गुणा राशि हेलमेट नहीं पहनकर बाइक चलाने वालों ने जुर्माने के रूप में दिया गया है वर्ष 2016 से 2018 तक यातायात पुलिस ने 96 हजार 8 सौ 40 लोगों के चालान कर जुर्माने के रूप में करीब साढ़े 6 करोड़ का जुर्माना वसूल किया है

जोधपुर कमिश्नरेट में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं पर कुछ वर्ष पहले पूरे प्रदेश के साथ ही कमिश्नरेट में भी बाइक चलाने वालों के लिए हेलमेट की अनिवार्यता लागू की इसके बाद समय-समय पर यातायात पुलिस ने जागरूकता अभियान भी चलाया लेकिन पुलिस द्वारा हेलमेट बिना बाइक चलाने पर पिछले तीन वर्षों में जो जुर्माना राशि वसूल की गई है, इससे अंदाज लगाया जा सकता है कि बाइक चालकों को ना तो अपनी सुरक्षा की चिंता है  ना ही सड़क पर लतने वाले दूसरे चालकों की

पुलिस की मानें तो वर्ष 2016 में यातायात पुलिस ने ऐसे बाइक चालको के बिना हेलमेट बाइक चलाने पर 30 हजार 9 सौ 58 लोगो के चालान किए गए इससे 1 करोड़ 83 लाख 14 हजार 5 सौ रुपए जुर्माने के रूप में वसूल किए गए वर्ष 2017 में 34 हजार 81 लोगों का चालान कर उनसे 2 करोड़ 33 लाख 95 हजार का जुर्माना वसूल किया इसी तरह वर्ष 2018 में ऐसे  31 हजार 8 सौ 1 बाइक चालको के चालान कर उनसे जुर्माने के रूप में 2 करोड़ 25 लाख 59 हजार 2 सौ 50 रुपए की राही वसूल की गई

यही नहीं पिछले तीन वर्षों में कमिश्नरेट में विभिन्न सड़क दुर्घटनाओं जिसमे बाइक चलाते समय हादसे भी शामिल में मौत के आंकड़ों को देखे तो सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं वर्ष 2017 में हुई जहां 289 लोगों की सड़क दुर्घटनाओं में मौत हुई 2016 में 259  वर्ष 2018 में 247 लोगो की मौत हुई कुल मिलाकर पिछले तीन वर्षों में सड़क दुर्घटनाओं में 7 सौ 95 लोगो की मौत हुई है यह आंकड़ा सिर्फ जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट इलाके का है

हेलमेट की अनिवार्यता के बावजूद शहर में यातायात पुलिस द्वारा बिना हेलमेट के बाइक चलाने के कारण किए गए चालान से वसूल की गई जुर्माना राशि से अंदाजा लगाया जा सकता है कि आज भी शहर के लोगों में अपनी सुरक्षा  यातायात नियमों की पालना के प्रति जागरूकता का अभाव है ऐसे में आवश्यकता है तो यातयात पुलिस के साथ ही आमजन को आगे आने  समाज मे यातायात नियमों के प्रति जागरूकता लाने की है ताकि असुरक्षित वाहन चलाने  जागरूकता के अभाव में होने वाली दुर्घटनाओ पर अंकुश लगाया जा सके