जेट एयरवेज की उड़ाने हमेशा से बंद होने के बाद एयरलाइंस के हजारों कर्मचारी बेरोजगार

जेट एयरवेज की उड़ाने हमेशा से बंद होने के बाद एयरलाइंस के हजारों कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं। एयरवेज के तमाम कर्मचारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद की गुहार लगा रहे हैं। कंपनी में काम करने वाले एक कर्मचारी के बेटी ने अपने दुख को जाहिर करते हुए कहा कि मेरे पिता जेट के साथ 20 साल से जुड़े थे, लेकिन उनकी नौकरी जाने का मतलब है कि हमारे परिवार के सारे सपने चूर-चूर हो गए। कर्मचारी की बेटी ने एयरलाइंस के बंद होने के बाद याचिका दायर करके अपने दुख को जाहिर किया है।

16000 लोगों की नौकरी गई
जेट एयरवेज के बंद होने की वजह से तकरीबन 16000 कर्मचारियों की नौकरी चली गई है। कई कर्मचारियों की सैलरी काफी समय से नहीं दी गई है, इन कर्मचारियों का भविष्य अधर में है। कंपनी के मुखिया रहे विनय दुबे का कहना है कि कंपनी के के पास कर्मचारियों को लेकर कोई जवाब नहीं है। जेट एयरवेज के कर्मचारी की नाबालिग बेटी ने change.org पर अभियान शुरू किया है, जिसमे उन्हें 18000 लोगों ने समर्थन दिया है।

बेटी की भावुक अपील

याचिका में संजना सिंह का कहना है कि मेरे पिता की नौकरी चली गई है, जिसकी वजह से हमारी शिक्षा पर असर पड़ेगा। बेटी का कहना है कि मैं जेट के कर्मचारी की बेटी हूं जोकि 20 साल से कंपनी के साथ जुड़े रहे। लेकिन उम्र के इस पड़ाव पर उनकी नौकरी चली गई, हमारा परिवार अधर में है। हमे अपने हर सपने से समझौता करना पड़ेगा। बेटी ने अपनी याचिका का शीर्षक 16000 कर्मचारियों का भविष्य बचाएं दिया है। उन्होंने सरकार से आर्थिक मदद की गुहार लगाई है।

लोगों ने गुस्सा जाहिर किया

जेट एयरवेज के बंद होने के बाद बड़ी संख्या में लोगों ने सोशल मीडिया पर दुख और गुस्सा जाहिर किया है। जेट एयरवेज तकरीबन 25 वर्ष से अपनी सेवाएं दे रही थी, लेकिन गुरुवार को कंपनी ने सभी उड़ानों को हमेशा के लिए बंद करने का ऐलान किया। कंपनी की ओर से कहा गया कि हमे यह फैसला लेने क लिए मजबूर होना पड़ा, बता दें कि कंपनी के स्टेक होल्डर्स पहले ही इसके शेयर को बेचने का ऐलान किया है।

डूब गया पैसा

बता दें कि जेट एयरवेज का परिचालन बंद होने से न केवल कर्मचारियों की मुश्किल बढ़ गई है बल्कि निवेशकों का फैसा भी डूब गया है। जिन यात्रियों ने पहले से टिकटों की बुकिंग करवा ली थी उनका रिफंड फंस गया है। एयरलाइन के आपूर्तिकर्ताओं का करोड़ों रुपया फंस गया है। निवेशकों का पैसा अटक गया है। एयरलाइंस पर 8500 करोड़ रुपए का कर्ज हैं। साल 2010 से ही कंपनी पर कर्ज संकट गहराने लगा और लगातार चार तिमाहियों में घाटे ने कंपनी की कमर तोड़कर रख दी।