वर्ष 2016 में सपा शासनकाल में बने व पुराना बिजली का बिल न देने का आरोप लगा है। हज हाउस में कटिया डालकर बिजली चोरी करने का आरोप भी लग रहा है। पुराना करीब 13 लाख रुपये का बिल भी अभी तक नहीं भरा गया है।
इस वक्त हज हाउस में पीएसी की 44वीं बटालियन, मेरठ की एक कंपनी ठहरी हुई है। गौरतलब रहे कि साहिबाबाद, गाज़ियाबाद में हज हाउस बना हुआ है। सपा के शासनकाल में इसका निर्माण हुआ था। 40 करोड़ की लागत से बने हज हाउस का लोकार्पण 2016 में हुआ था। उसके बाद से एक बार यहां हज यात्रियों का जत्था रुक भी चुका है।
लेकिन लगातार कई महीनों से हज हाउस का बिजली का बिल नहीं भरा गया। बिल की रकम 12.79 लाख है। जिसके चलते अक्टुबर 2018 में हज हाउस की बिजली काटी जा चुकी है।फरवरी 2018 में प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड हज हाउस को सील भी कर चुका है। यहां सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का नियमानुसार बंदोवस्त नहीं किया गया था।
हज हाउस के निर्माण का कार्य सीएण्डडीएस एजेंसी को दिया गया था। एजेंसी के प्रोजेक्ट मैनेजर डीके भारद्वाज का बोलना है कि यहां से एक जत्था रवाना हो चुका है। इसलिए बिल की रकम हज हाउस कमेटी को ही भरना चाहिए।
वहीं उत्तर प्रदेश हज कमेटी के सचिव विनीत श्रीवास्तव का इस बारे में बोलना है कि हज हाउस अभी हमे हैंड ओवर ही नहीं हुआ है तो हम बिल कैसे भर दें। व अभी कार्य भी अधूरा है।