लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी पराजय की जिम्मेदारी नवजोत सिंह सिद्धू पर डालने वाले पंजाब के को पूर्व क्रिकेटर ने करारा जवाब दिया है।
सिद्धू ने कैप्टन अमरिंदर सिंह से पूछा है कि सामूहिक जिम्मेदारी लेने की बजाय 50 विभागों में से केवल मेरे विभाग से सवाल पूछा गया क्यों? मैं इसका जवाब नहीं दे सकता। लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि मैं भी वैसा करूंगा। मैं पहले कुछ नहीं कहूंगा। मैंने पहले कुछ नहीं बोला था, अब मैं कुछ नहीं कहूंगा। वह (पंजाब सीएम) कोई भी निर्णय ले सकते हैं, मैं उसका पालन करूंगा।
सिद्धू ने कहा, ‘शिकायत करना मेरी फितरत नहीं हैं, मैंने कांग्रेस पार्टी के एक कार्यकर्ता के विरूद्ध कभी कहा है? मैं अपने किसी भी स्टैंड पर एक इंच भी पीछे हुआ क्या? जो पहले कहता रहा हूं, वो कहता रहूंगा। पार्टी का विषय है,
मुझे नहीं लगता कि मैने ऐसा कार्य किया है कि किसी को ठेस लगे।
सिद्धू ने अपने लोकल निकाय विभाग के कामकाज का भी बचाव करते हुए बोला कि अमरिंदर सिंह सरकार के किसी व मंत्री ने “इतनी पारदर्शिता” से कार्य नहीं किया। सीएम ने हाल में बोला था कि मंत्री के तौर पर सिद्धू के प्रदर्शन की समीक्षा की आवश्यकता है व वह “अपना ही विभाग संभाल पाने में सक्षम नहीं हैं”, इसके बाद सिद्धू की तरफ से यह रिएक्शन आई है।
अमरिंदर सिंह ने बोला था कि पंजाब के शहरी इलाकों में कांग्रेस पार्टी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। सिद्धू शहरी विकास मंत्री हैं। बेअदबी मुद्दे में सिद्धू की टिप्पणी का “बठिंडा में पार्टी के प्रदर्शन पर प्रभाव पड़ने” की आसार का जिक्र करते हुए उन्होंने बोला था कि चुनाव नतीजों के बाद वह पार्टी आलाकमान के समक्ष यह मामला उठाएंगे।
मुख्यमंत्री की टिप्पणी पर रिएक्शन करते हुए सिद्धू ने बोला कि जब उन्होंने विभाग का जिम्मा संभाला था तो वह “दिशाहीन जहाज” था। क्रिकेटर से एक्टर बने सिद्धू ने बोला कि बीते दो वर्ष में उनके विभाग ने 6000 करोड़ रुपये अर्जित किये। उसकी सभी परियोजनाएं युद्धस्तर पर पूरी की जा रही हैं।
सिद्धू ने कहा, “वही आठ या नौ लोग हैं जो पूर्व में भी उन्हें पार्टी से बाहर करना चाहते थे, लेकिन मैंने उनके विरूद्ध कभी एक शब्द भी नहीं बोला। ” उन्होंने कहा, “विभाग के पास पांच पैसा भी नहीं था। कर्मचारियों को वेतन देने के लिये पैसे नहीं थे, कोई दृष्टि नहीं थी, कोई जवाबदेही नहीं थी व उसके कार्य करने के तौर-तरीकों पर कोई सवाल नहीं उठा रहा था। ”