जानिए श्रीलंका में हुए ईस्टर धमाकों के जिम्मेदार है ये…

राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना पर ईस्टर बम धमाकों को रोकने में नाकाम रहने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. उन्होंने दावा किया है कि उनकी बर्खास्तगी अनुचित है. हिंदुस्तान की ओर से साझा की गई खुफिया जानकारी पर कार्रवाई नहीं करने के आरोपों में राष्ट्रपति सिरीसेना ने जयसुंदर को छुट्टी पर भेज दिया था.


भारत ने श्रीलंका को हमले के बारे में चेतावनी दी थी. बम धमाकों में 250 से ज्यादा लोगों की मृत्यु हुई थी. कोर्ट को पिछले हफ्ते दायर अपनी याचिका में जयसुंदर ने खुफिया एजेंसियों  सशस्त्र बलों के बीच की गंभीर संवादहीनता पर से पर्दा हटाया है. ये सारी एजेंसियां राष्ट्रपति सिरीसेना के भीतर काम करती हैं. उन्होंने दावा किया है कि पिछले वर्ष अक्टूबर में राष्ट्रपति सिरीसेना  पीएम रानिल विक्रमसिंघे के बीच राजनीतिक रस्साकशी प्रारम्भ होने के बाद उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठकों में शामिल होने से रोक दिया गया था.

पूर्व पुलिस प्रमुख ने शिकायत में बोला कि सिरीसेना ने स्टेट इंटेलीजेंस सर्विसेज (एसआईएस) के प्रमुख नीलांत जयव‌र्द्धने को राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों पर सीधे पीएम को सूचना देने के लिए बोला था. उन्होंने दावा किया कि हिंदुस्तान की ओर से हमले की सूचना मिलने के बावजूद एसआईएस प्रमुख ने चेतावनी को गंभीरता से नहीं लिया  कोई कार्रवाई नहीं की.