जानिए विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर न्यायालय ने पेड़ गिराने वाले चार व्यक्तियों को दी, ये अनोखी सजा

विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर राजस्थान की प्रतापगढ़ जिला न्यायालय ने पेड़ गिराने वाले चार व्यक्तियों को सशर्त जमानत दी है. न्यायालय ने इन लोगों को 270 आंवले के पौधे लगाने को बोला है. ताकि उन्होंने जो नुकसान किया है उसकी भरपाई हो सके.

जिला  सेशंस जज राजेंद्र कुमार शर्मा ने, रामा उर्फ रामलाल तेली, जसवंत धोबी, दिनेश तेली  मोहम्मद हुसैन को सोमवार को ये सजा सुनाई. इन लोगों से बोला गया है कि हर तीन महीने में पौधों की जानकारी भी इन्हें देनी होगी. जितने पेड़ों को गिराने का इन लोगों ने क्राइम किया है, उसके 10 गुना अधिक पौधे उगाने का न्यायालय ने आदेश दिया है.

शर्मा ने कहा, “270 पेड़ों की स्थिति बताने के लिए इन्हें हर तीन महीने में न्यायालय को सबूत सौंपने होंगे. इस न्यायालय की मंजूरी के बिना इन पेड़ों को काटा नहीं जा सकता. इन्हें कारागार में रखने का कोई उद्देश्य नहीं है. इनमें पर्यावरण के प्रति प्यार जगाना बेहतर है. जब ये 270 पेड़ों को बड़ा करेंगे, तो इनके प्रति ये प्यार का अहसास कर पाएंगे  होने कि सम्भावना है कि फिर पर्यावरण को दोबारा नुकसान ना पहुंचाएं.

इन चार लोगों पर 27 सागवान के पेड़ काटने का आरोप है. जो इन्होंने तस्करी के लिए 19 मार्च की आधीरात को गंधेर में काटे थे. प्रतापगढ़ के वन संरक्षक, संग्राम सिंह कटियार का बोलना है, “इन चार लोगों द्वारा पेड़ गिराए जाने की सूचना मिलने पर जब वन टीम घटनास्थल पर पहुंची तो ये सभी पेड़ की डालों से लदा ट्रैक्टर ट्रेलर छोड़कर भाग गए.” उन्होंने बताया कि इन आरोपियों ने जो पेड़ गिराए थे, उन्हें एक अभियान के तहत 1997 में लगाया गया था.

कटियार ने न्यायालय के निर्णय का स्वागत किया  बोला कि इस तरह के फैसलों से वन क्राइम रुकेंगे. प्रतापगढ़ के स्टेशन हाउस अधिकारी गोपाल चंदेल का बोलना है कि आरोपियों को 21 मार्च को हिरासत में लिया गया  एक दिन बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था.