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ने विभिन्न मंत्रालयों व विभागों को अंतरिम बजट (Interim Budget) में दीं गईं कर छूट व अन्य सहायताओं को चालू वित्त साल के लिए पूर्ण बजट में भी जारी रखने का ऐलान किया है। मंत्रालय ने एक परिपत्र में यह भी बोला कि वह सिर्फ उन आवश्यक मदों के लिए अलावा आवंटन करेगा, जिनके लिए अंतरिम बजट में आवंटन नहीं किया गया था। मंत्रालय ने कहा, अंतरिम बजट 2019-20 में किए गए आवंटनों में कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा।
ये है बजट बनाने वाली नयी टीम-सीतारमण की बजट टीम में वित्त (राज्य) मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर व मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम शामिल हैं। आधिकारिक टीम की प्रतिनिधित्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग, खर्च सचिव गिरीश चंद्र मुर्मु, राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय, दीपम सचिव अतनु चक्रवर्ती व वित्तीय मामलों के सचिव राजीव कुमार करेंगे।
क्या होता है पूर्ण बजट-नई सरकार बनने के बाद सालभर के खर्चों का लेखा-जोखा जारी किया जाता है। इसे ही पूर्ण बजट कहते हैं। इसके जरिये सरकार की प्राप्तियों (इनकम) व खर्च का ब्योरा सरकार पेश करती हैं। इसके अतिरिक्त यह सारे वर्ष के लिए होता है। पूर्ण बजट में आंकड़ों के जरिये सरकार संसद को बताती है कि वो आने वाले वित्त साल में किस वस्तु पर कितना पैसा खर्च करने वाली है।
आम बजट सारे वित्त साल के लिए पेश किया जाता है, जबकि अंतरिम बजट कुछ ही महीनों के लिए पेश किया जाता है। अंतरिम बजट के कुछ महीनों बाद नयी सरकार की ओर से उसी साल पूर्ण बजट भी पेश किया जाता है।
लोकसभा चुनावों से पहले अंतरिम बजट पेश करते हुए तत्कालीन वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने 5 लाख तक की सालाना कमाई करने वाले जॉब पेशा को टैक्स फ्री करने का ऐलान किया था, लेकिन स्लैब में कोई परिवर्तन नहीं हुआ था। कहने का मतलब यह है कि अंतरिम बजट में 5 लाख तक की सालाना कमाई करने वालों को टैक्स देने के झंझट से मुक्त किया गया था। वहीं इससे अधिक कमाई वाले नौकरीपेशा को पुराने टैक्स स्लैब के तहत टैक्स देना होगा।