जानिए ये देश है आम का बादशाह

ग्लोबल बाजार में इजरायली आम की बादशाहत बरकरार है. यहां हर वर्ष 50 हजार टन आमों का उत्पादन होता जिसमें से 20 हजार टन दुनियाभर के कई राष्ट्रोंनिर्यात किए जाते हैं. इनकी पांच किस्म ऐसी भी है जिसका पेटेंट  दूसरे राष्ट्रों में नहीं उगया जात सकता है. जानिए ये क्यों हैं खास…

    1. इजरायल में 90 प्रतिशत आमों की पैदावार गिलबोआ  10 प्रतिशत सेंट्रल अरावा और जॉर्डन वैली में होती है. यहां आमों की बहुत ज्यादा वैरायटी हैं  इनकी अच्छाई के मुताबिक कटाई का समय भी भिन्न-भिन्न होता है. 15 जून से लेकर दिसंबर तक आमों की कटाई की जाती है. जैसे जून से अगस्त के बीच में अरावा में पैदा होने वाले आमों की हादेन, टॉमी  माया प्रजाति को तोड़ लिया जाता है. अगस्त में शेली, नोआ, ओमर  सितंबर में केंट की कटाई की जाती है. आम की ये वैरायटी पेंटेंट जिसे सिर्फ इजरायल में ही उगाया जा सकता है.
    2. इजरायल में हर वर्ष 50 हजार टन आमों का उत्पादन किया जाता है. इसमें से 20 हजार टन आम को यूरोप, फ्रांस, नीदरलैंड, गाजार, वेस्ट बैंक  रशिया जैसे राष्ट्रों में निर्यात किया जाता है. 30 हजार टन लोकल बाजारों में बिक्री के लिए भेजा जाता है. यहां हर वर्ष 100-150 हेक्टेयर नए हिस्से में पौधरोपण किया जाता है ताकि धीरे-धीरे आमों की पैदावार को बढ़ाया जा सके.
    3. ग्लोबल बाजार में यहां के आमों का खास रुतबा है. यूरोपियन बाजार में 20 प्रतिशत इजरायली आमों का भाग है. आम के मुद्दे में इजरालय से सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्वी पश्मिम अफ्रीका, ब्राजील  मैक्सिको हैं. खास किस्म के कारण वर्ष दर वर्ष यहां के आमों की मांग में इजाफा हो रहा है. संसार में बढ़ती मांग के कारण यहां आमों की नयी प्रजाति को उगाने के लिए रिसर्च की जा रही है.
    4. इनकी पैदावार विशेषज्ञों की देखरेख में होती है. आम के पौधों की सिंचाई  उर्वरक के प्रयोग पर खास ध्यान दिया जाता है. इसकी खेती में रसायनों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. नुकसान पहुंचाने वाली फ्रूट फ्लाई को पेड़ो के आसपास नहीं आने दिया जाता. इस तरह पेड़ कुदरती माहौल में बढ़ते हैं.