जानिए यहाँ नहीं चला गठबंधन जादू , बीजेपी है इतने सीटो से आगे

आप सभी जानते ही हैं कि लोकसभा चुनाव की मतगणना प्रारम्भ हो चुकी है ओर उत्तरप्रदेश में बीजेपी 56 सीटों पर आगे दिख रही है वहीं गठबंधन का कोई खास प्रभाव नहीं दिख रहा है ओर गठबंधन 21 सीट  कांग्रेस पार्टी 3 पर आगे चल रही है ऐसे में उत्तरप्रदेश में सबसे ज्यादा 80 लोकसभा सीटें हैं  वर्ष 2014 में इनमें से एनडीए को 73 पर जीत मिली थी अब यह देखना है कि वह इस बार पिछला प्रदर्शन दोहरा पाता है या गठबंधन फॉर्मूला हिट होता है?

26 वर्ष बाद सपा-बसपा का गठबंधन हुआ – आपको याद हो मुलायम सिंह यादव ने 1992 में समाजवादी पार्टी का गठन किया था  वर्ष 1993 के विधानसभा चुनाव में सपा-बसपा का गठबंधन हुआ उसके बाद बीएसपी की कमान कांशीराम के पास थी  सपा 256  बीएसपी 164 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. वहीं सपा को 109 बीएसपी को 67 सीटें मिली थीं. हालांकि, 2 जून 1995 को गेस्ट हाउस काण्ड के बाद यह गठबंधन टूट गया  उसके बाद लखनऊ के स्टेट गेस्ट हाउस में मायावती के साथ सपा समर्थकों ने बदसलूकी की थी

कांग्रेस ने 73 सीटों पर लड़ा चुनाव, प्रियंका-सिंधिया को महासचिव बनाया – इसी के साथ कांग्रेस पार्टी  सपा 2017 का विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ी थीं लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को गठबंधन में शामिल नहीं किया गया है. वहीं गठबंधन ने अमेठी  रायबरेली से उम्मीदवार न उतारने का निर्णय किया था कांग्रेस पार्टी ने भी सात सीटें गठबंधन के लिए छोड़ दी थीं. इसी के साथ कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा चुनाव से पहले प्रियंका गांधी  ज्योतिरादित्य सिंधिया को उत्तरप्रदेश की जिम्मेदारी देते हुए पार्टी का महासचिव बनाया था  प्रियंका ने पहली बार सक्रिय पॉलिटिक्स में कदम रखा  पूर्वी उत्तरप्रदेश की लगभग हर सीट पर प्रचार किया