जानिए क्यों राजनाथ सिंह के सामने रो पड़े मौलवी साहब

केंद्र सरकार में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भाजपा के शक्तिशाली नेताओं में से रहे हैं हमेशा से सफेद धोती  सारे बांह का कुर्ता पहनने वाले राजनाथ सिंह की छवि साफसुथरे राजनेता की रही है
राजनाथ सिंह का जन्म उत्तर प्रदेश के चंदौली के भभौरा गांव में 10 जुलाई 1951 को हुआ था   सिर्फ 13 वर्ष की आयु में 1964 में वो आरएसएस के साथ जुड़ गए उन्होंने गोरखपुर विश्वविद्यालय से फीजिक्स में पोस्ट ग्रैजुएशन किया है  कुछ वक्त तक लेक्चरर भी रहे 1974 में वो मिर्जापुर यूनिट के भारतीय जनसंघ के सेक्रेटरी बने आपातकाल के दौरान वो कारागार में भी रहे उस दौरान के एक वाकये की अक्सर चर्चा होती है

जब रामप्रकाश गुप्ता ने बोला था- बेटा एक दिन तुम मुख्यमंत्री बनोगे

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके रामप्रकाश गुप्ता  राजनाथ सिंह इमरजेंसी के दौरान एक ही कारागार में बंद थे रामप्रकाश गुप्ता ने यूं ही राजनाथ सिंह का हाथ देखना प्रारम्भकिया राजनाथ सिंह उस वक्त जनसंघ से जुड़े हुए थे रामप्रकाश गुप्ता भी जनसंघ में ही थे राजनाथ सिंह की हथेलियों को गौर से देखते हुए रामप्रकाश गुप्ता ने बोला था कि बेटा एक दिन तुम बहुत बड़े नेता बनोगे राजनाथ सिंह बोले- कितने बड़े गुप्ता जी रामप्रकाश गुप्ता बोले- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जितना बड़ा राजनाथ सिंह हंसने लगे उस वक्त उनकी आयु महज 25 वर्ष की थी बाद में ये बात हकीकत निकली राजनाथ सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ही नहीं बने उन्होंने देश के गृहमंत्री  रक्षामंत्री का पद भी संभाला

1977 में वो पहली बार विधायक बने 1991 में वो कल्याण सिंह की सरकार में एजुकेशन मंत्री रहे उस वक्त यूपी में परीक्षाओं में जमकर नकल होती थी एजुकेशन मंत्री रहते हुए राजनाथ सिंह ने नकल को रोकने के लिए नकल अध्यादेश 1992 के नाम से कानून लेकर आए इस कानून की वजह से वो बहुत ज्यादा चर्चित हुए सारे उत्तर प्रदेश की परीक्षाओं में सख्ती बरती जाने लगी

इसके बाद वो 2000 से लेकर 2002 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी बने अटल आडवाणी के दौर में राजनाथ सिंह भाजपा के सबसे ताकवर नेताओं में से एक रहे राजनाथ सिंह 2005 से 2009  2013 से 2014 के बीच दो बार भाजपा के अध्यक्ष भी रहे 2014 की नरेन्द्र मोदी सरकार में उन्होंने गृहमंत्री का पद संभाला इसके बाद प्रचंड बहुमत के साथ दोबारा चुनकर आई नरेन्द्र मोदी सरकार में रक्षा मंत्री हैं

राजनाथ सिंह ने एक बार अपने बचपन के बारे में मजेदार किस्सा बताया था लखनऊ विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में अपने बचपन के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया कि जब वो प्राइमरी स्कूल में थे उनकी स्कूल में एक मौलवी साहब पीटी ( शारीरिक एजुकेशन ) के टीचर हुआ करते थे कोई भी स्टूडेंट्स जब पीटी के दौरान कोई शरारत करता तो मौलवी साहब जोरदार थप्पड़ लगाते थे कभी वो छड़ी से भी बच्चों को पीट दिया करते थे मौलवी साहब की छड़ी का सबमें खौफ हुआ करता था

राजनाथ सिंह ने बताया था कि उत्तर प्रदेश का एजुकेशन मंत्री बनने के बाद एक बार वो काफिले के साथ अपने घर जा रहे थे उन्होंने देखा चंदौली के पास सड़क किनारे एक 90 वर्ष का बुजुर्ग हाथों में फूल लिए खड़ा है राजनाथ सिंह उन्हें तुरंत पहचान गए ये वही मौलवी साहब थे राजनाथ सिंह ने अपनी गाड़ी रुकवाई मौलवी साहब ने बड़े प्यार से उनके गले में माला पहनाई  राजनाथ सिंह ने उनके पैर छूकर आशीर्वाद लिया इस भावुक पल में मौलवी साहब की आंखों से आंसुओं की धारा फूट पड़ी राजनाथ सिंह खुद बहुत ज्यादा इमोशनल हो गए

राजनाथ सिंह के बारे में दिलचस्प बात कम ही लोग जानते हैं राजनाथ सिंह ने पोस्ट ग्रैजुएशन के बाद मिर्जापुर डिग्री कॉलेज में लेक्चरर की जॉब पकड़ ली थी वर्ष 2000 में उन्होंने जॉब से रिटायरमेंट ले लिया रिटायरमेंट के बाद उन्हें बहुत कम पेंशन मिला करती थी कम ही लोग जानते हैं कि उन्हें चपरासी से भी कम पेंशन मिलती थी रिटायर होने के बाद उन्हें 1350 रुपए पेंशन के तौर पर मिलते थे उनके पेंशन की रकम 9500 बने

लेकिन उन्होंने ये रकम लेने से मना कर दिया उनसे जब कॉलेज के एडमिनिस्ट्रेशन ने इसकी वजह जाननी चाही तो उन्होंने बोला कि 1992 के बाद से उन्होंने विद्यार्थियों को नहीं पढ़ाया है इसलिए जब तक उन्होंने विद्यार्थियों को पढ़ाया है उसी वर्ष के हिसाब से उन्हें पेंशन की रकम मिलनी चाहिए इसके बाद पेंशन की जो रकम कॉलेज ने तय की वो चपरासी से भी कम थी