जानिए क्यों नही है इन स्टेडियमों पर किसे भी क्रिकटरो का नाम

इस बात से शायद ही कोई अनजान होगा कि हिंदुस्तान (India) में लोग क्रिकेट (Cricket) का खेल दीवानगी की हद तक पसंद करते हैं यही वजह है कि इससे जुड़ी हर समाचार पर उनकी नजर रहती है क्रिकेटरों से लेकर कोचों तक  एक्सपर्ट से लेकर स्टेडियम तकक्रिकेट प्रशंसक इस खेल का कोई भी पहलू चूकना नहीं चाहते ऐसे में जबकि देश की राजधानी स्थित फिरोजशाह कोटला स्टेडियम का नाम बदलकर अरुण जेटली स्टेडियम कर दिया गया है तो ये चर्चा भी तेज हो गई है कि आखिर देश में कौन से स्टेडियम किसके नाम पर हैं

हिंदुस्तान में मौजूदा समय में 21 सक्रिय क्रिकेट स्टेडियम (Cricket Stadiums) हैंइनमें से 12 के नाम आदमी विशेष के ऊपर रखे गए हैं, जबकि नौ स्टेडियमों के नाम स्‍थानीय प्रदेश क्रिकेट संघों आदि के नाम पर लेकिन बात सिर्फ इतनी ही नहीं हैंदिलचस्प बात ये है कि इन 12 में से एक भी स्टेडियम किसी क्रिकेटर के नाम पर नहीं हैजी हां, यानी क्रिकेटरों को भगवान की तरह पूजने वाले देश में एक भी ऐसा एक भी स्टेडियम नहीं है, जिसका नाम किसी क्रिकेटर के नाम पर रखा गया हो

21 में से जिन 9 स्टेडियमों के नाम आदमी विशेष पर नहीं हैं, उनमें कोलकाता का ईडन गार्डेंस, मुंबई का ब्रबोर्न, कटक का बाराबती, नागपुर का विदर्भ, पुणे का महाराष्ट्र क्रिकेट संघ स्टेडियम, राजकोट का सौराष्ट्र क्रिकेट संघ स्टेडियम, रांची का जमशेदपुर स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम, धर्मशाला का हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम, तिरुवनंतपुरम का ग्रीनफील्ड स्टेडियम शामिल हैं

हिंदुस्तान में कुल 52 क्रिकेट स्टेडियम हैं यह संख्या इस मुद्दे में दूसरे नंबर पर काबिज इंग्लैंड से 29 स्टेडियम ज्यादा है इंग्लैंड में 23 क्रिकेट स्टेडियम हैं हिंदुस्तान में मौजूदा 52 क्रिकेट स्टेडियम में से 21 अभी सक्रिय हैं, जबकि देश के 31 स्टेडियम ऐसे हैं, जिन पर कभी क्रिकेट खेला जाता था, लेकिन अब उनका प्रयोग अन्य कामों या खेलों के लिए किया जाता है हिंदुस्तान में सबसे पहले मुंबई के जिमखाना ग्राउंड पर 1933 में अंतर्राष्ट्रीयक्रिकेट मैच का आयोजन किया गया तब हिंदुस्तान  इंग्लैंड के बीच टेस्ट मैच खेला गया था वहीं, 1981 में हिंदुस्तान में सबसे पहला वनडे मैच खेला गया यह मुकाबला अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल स्टेडियम में खेला गया था

1. एम ए चिदंबरम स्टेडियम : देश का तीसरा सबसे पुराना क्रिकेट स्टेडियम

चेन्नई में स्थित यह स्टेडियम 1916 से अस्तित्व में है कोलकाता के ईडन गार्डंस और दिल्ली के फिरोजशाह कोटला के बाद देश का तीसरा सबसे पुराना क्रिकेट स्टेडियम है आरंभ में इसे मद्रास क्रिकेट क्लब ग्राउंड के नाम से जाना जाता था  इसे चेपक स्टेडियम के उपनाम से भी जाना जाता है यह तमिलनाडु क्रिकेट टीम  आईपीएल टीम चेन्नई सुपरकिंग्स का होम ग्राउंड भी है इस स्टेडियम की दर्शक क्षमता 50 हजार है

एम ए चिदंबरम : इसका नाम एम ए चिदंबरम के नाम पर रखा गया है जो पहली नजर में आपको किसी राजनेता से मिलता-जुलता लगेगा, लेकिन वास्तव में एम ए चिदंबरम बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष थे मुथैया अन्नामलाई चिदंबरम भारतीय उद्योगपति क्रिकेट प्रशासक थे उन्होंने मुंबई में स्कूटर फैक्ट्री प्रारम्भ की उसके बाद कम आयु में ही भारतीय एलमिनियम कंपनी के डायरेक्टर बन गए 1955 में मद्रास के मेयर भी रहे1956 में उन्हें बीसीसीआई का उपाध्यक्ष चुना गया 1960-61 से 1962-63 में वे बोर्ड के अध्यक्ष बना दिए गए इसके बाद करीब 20 वर्ष तक बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष रहेउन्होंने तमिलनाडु क्रिकेट संघ  मद्रास क्रिकेट क्लब के बीच चेपक में क्लब के मैदान पर स्टेडियम के निर्माण को लेकर आई खींचतान में मध्यस्‍थता कराई बाद में उनके सम्मान में स्टेडियम का नाम बदलकर एम ए चिदंबरम स्टेडियम कर दिया गया 12 अक्टूबर 1918 को मदुरई में पैदा हुए चिदंबरम का 19 जनवरी 2000 में निधन हो गया

2. एम चिन्नास्वामी स्टेडियम : सोलर पैनल से संचालित संसार का पहला स्टेडियम

कर्नाटक के बेंगलुरू में स्थित ये स्टेडियम 1969 में बना था पूर्व में इस चार दशक पुराने स्टेडियम को कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन के नाम से जाना जाता था इस स्टेडियम की दर्शक क्षमता 40000 के करीब है इस मैदान में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मुकाबलों के साथ ही सांस्कृतिक प्रोग्राम भी आयोजित किए जाते हैं यह स्टेडियम कर्नाटक प्रदेश क्रिकेट टीम के अतिरिक्त आईपीएल टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू का भी होम ग्राउंड है

यह संसार का पहला स्टेडियम है, जिसमें प्रयोग होने वाली अधिकांश बिजली की पूर्ति सोलर पैनल के जरिये होती है ये कदम कर्नाटक प्रदेश क्रिकेट संघ के अभियान गो ग्रीन के तहत उठाया गया20 जून 2019 तक स्टेडियम में 22 टेस्ट, 24 वनडे  6 टी-20 मैच आयोजित किए जा चुके हैं

एम चिन्नास्वामी : मंगलम चिन्नास्वामी मुदालियार प्रख्यात क्रिकेट प्रशासक थे 29 मार्च 1900 में कर्नाटक में जन्मे चिन्नास्वामी 1977 से 1980 तक बीसीसीआई के अध्यक्ष रहे जबकि 1960 से 1965 तक सचिव का पद संभाला पेशे से एडवोकेट चिन्नास्वामी ने आईसीसी में 1965, 1973  1977 से 1980 तक हिंदुस्तान का अगुवाई किया वह कर्नाटक प्रदेश क्रिकेट संघ के संस्‍थापकों में से एक थे एमसीसी ने उन्हें 1969 में लाइफटाइम मेंबरशिप प्रदान कीबेंगलुरू में क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण में उनकी अहम किरदार थी यही वजह रही कि उनकी ख़्वाहिश के खिलाफ स्टेडियम का नाम उनके नाम पर रख दिया गया लंबी बीमारी के चलते 8 नवंबर 1991 में उनका निधन हो गया   

3. वानखेडे : विवादों के बाद सामने आया ये स्टेडियम, महज 6 महीने में हुआ तैयार

मुंबई का वानखेडे स्टेडियम किसी परिचय का मोहताज नहीं है हिंदुस्तान ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में 2011 में इसी मैदान पर वर्ल्ड कप फाइनल में श्रीलंका को हराकर खिताबी जीत हासिल की थी इसी मैदान में सचिन तेंदुलकर ने अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर का आखिरी मैच खेला था टीम इंडिया के मौजूदा कोच रवि शास्‍त्री ने एक ओवर में छह छक्के इसी मैदान में लगाए थे19 जुलाई 2017 तक इस मैदान में 25 टेस्ट, 20 वनडे  5 टी-20 मैच आयोजित किए जा चुके हैं इस मैदान की दर्शक क्षमता 33,108 है हालांकि 2010 तक इसमें 45 हजार दर्शकों के बैठने की व्यवस्‍था थी, लेकिन पुनर्निमाण काम के चलते 2010 के बाद यह घटकर 33 हजार की रह गई

वानखेडे स्टेडियम 1974 में बनकर तैयार हुआ इसके निर्माण की कहानी भी बहुत ज्यादादिलचस्प है दरअसल, ब्रेबोर्न स्टेडियम का मालिकाना हक रखने वाले क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया मुंबई क्रिकेट संघ के बीच क्रिकेट मैचों के टिकट वितरण को लेकर टकराव हो गया था 1973 में भारत-इंग्लैंड के बीच टेस्ट मैच के बाद ये टकराव बहुत ज्यादा बढ़ गया इसके बाद मुंबई क्रिकेट संघ के सचिव  स्‍थानीय नेता एस के वानखेडे की पहल पर चर्चगेट स्टेशन के पास दक्षिण मुंबई में नया स्टेडियम बनाया गया यह स्टेडियम केवल छह महीनों में बनकर तैयार हो गया 1974 में इस स्टेडियम का नाम मुंबई क्रिकेट संघ के अध्यक्ष शेषराव वानखेडे के नाम पर रख दिया गया

शेषराव वानखेडे : 24 सितंबर 1914 में नागपुर में जन्मे शेषराव वानखेडे पेशे से एडवोकेट  नेता थे 22 मार्च 1972 से 20 अप्रैल 1977 तक महाराष्ट्र विधानसभा में स्पीकर रहे वह तीन वर्षतक नागपुर के मेयर भी रहे 1967 में न्यूयॉर्क में संयुक्त देश महासभा के 22वें सत्र में उन्होंने भारतीय प्रतिनिधिमंडल के मेम्बर के तौर पर भाग लिया 1980-81 से 1982-83 तक वे बीसीसीआई के अध्यक्ष भी रहे जबकि 1972-73 से लेकर 1979-80 तक उन्होंने बोर्ड के उपाध्यक्ष के तौर पर कार्य किया

4. डाॅ वाई एस राजशेखर रेड्डी स्टेडियम : कैरेबियाई देश से मंगाई गई घास

आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में स्थित डॉ वाई एस राजशेखर रेड्डी को एसीए-वीडीसीए क्रिकेट स्टेडियम के नाम से भी जाना जाता है इस स्टेडियम को क्रिकेट मैचों के अतिरिक्त सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए भी इस्तेमाल में लाया जाता है इस मैदान की दर्शक क्षमता 27500 है इसकी घास कैरेबियाई राष्ट्रों से मंगाई गई है इस मैदान पर अब तक एक टेस्ट, 9 वनडे  3 टी-20 मैच आयोजित हुए हैं 2005 में महेंद्र सिंह धोनी ने अपना पहला वनडे शतक भी इसी मैदान पर लगाया था तब उन्होंने पाक के विरूद्ध 148 रन की शानदार पारी खेली थी यह इस स्टेडियम का भी पहला मैच था

डा वाई एस राजशेखर रेड्डी : आंध्र प्रदेश के दो बार सीएम रह चुके डा वाई एस राजशेखर रेड्डी का जन्म 8 जुलाई 1949 को हुआ जबकि 2 सितंबर 2009 में एक प्लेन क्रैश में उनका निधन हो गयाइसके बाद इस स्टेडियम का नाम उनके नाम पर कर दिया गया

5. राजीव गांधी स्टेडियम : 16 एकड़ में फैला

हैदराबाद के उप्पल स्थित राजीव गांधी स्टेडियम की दर्शक क्षमता 55000 है करीब 16 एकड़ में फैले इस स्टेडियम को वर्ष 2003 में बनाया गया था 3 मार्च 2019 तक इस मैदान में 5 टेस्ट, 1 टी-20  6 वनडे मुकाबले खेले गए थे इसी मैदान पर 2017 में आईपीएल का पहला  फाइनल मैच खेला गया था 2019 का आईपीएल फाइनल भी इसी स्टेडियम में आयोजित किया गया

यूं पड़ा नाम : 2003 में हैदराबाद क्रिकेट संघ ने सरकार को नया स्टेडियम बनाने का प्रस्ताव दिया तत्कालीन सीएम चंद्रबाबू नायडू ने तुरंत ही इस प्रस्ताव को हरी झंडी दिखा दी  हैदराबाद क्रिकेट संघ को इसके लिए बजट पारित कर दिया गया उप्पल में इसका निर्माण प्रारम्भ हुआ2004 में इस स्टेडियम का नाम विशाखा इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम तय किया गया हालांकि कुछ समय बाद ही पूर्व सीएम वाई एस राजशेखर रेड्डी ने पूर्व पीएम के नाम पर स्टेडियम का नाम बदलकर राजीव गांधी इंटरनेशनल स्टेडियम कर दिया

6. अरुण जेटली स्टेडियम : फिरोजशाह कोटला स्टेडियम अब पूर्व वित्त मंत्री के नाम पर 

देश की राजधानी दिल्ली में स्थित फिरोजशाह कोटला स्टेडियम 1883 में बना था यह कोलकाता के ईडन गार्डंस के बाद हिंदुस्तान का दूसरा सबसे पुराना स्टेडियम है 2016 तक भारतीय क्रिकेट टीम इस मैदान पर 28 वर्षों से टेस्ट  10 वर्षों से वनडे में अपराजित थी इस मैदान पर कई ऐतिहासिक कारनामे अंजाम दिए गए हैं सुनील गावस्कर ने इसी मैदान पर 29वां टेस्ट शतक लगाकर डॉन ब्रैडमैन के शतकों की बराबरी की वहीं अनिल कुंबले ने यहीं पर एक ही पारी में सभी दस विकेट चटकाकर रिकॉर्ड बनायासचिन तेंदुलकर ने अपना 35वां टेस्ट शतक इसी मैदान पर लगाकर सुनील गावस्कर के 34 शतकों का रिकॉर्ड तोड़ा

12 सितंबर 2019 को पूर्व वित्त मंत्री  डीडीसीए के पूर्व अध्यक्ष अरुण जेटली के नाम पर स्टेडियम का नाम बदलकर अरुण जेटली स्टेडियम कर दिया जाएगा इस मैदान की दर्शक क्षमता 41,820 हैस्टेडियम को आधुनिक सुविधाओं से युक्त करने का श्रेय अरुण जेटली को ही जाता है उन्होंने डीडीसीए अध्यक्ष के तौर पर स्टेडियम की दर्शक क्षमता बढ़ाने  खिलाड़ियों के लिए सुविधाएं  बेहतर करने का कार्य किया

7. होल्कर स्टेडियम : होल्कर राजघराने की पहल

मध्यप्रदेश के इंदौर में स्थित होल्कर स्टेडियम का निर्माण 1990 में हुआ इसकी दर्शक क्षमता 30 हजार की है आरंभ में इसे महारानी उषाराजे ट्रस्ट क्रिकेट ग्राउंड के नाम से जाना जाता था, लेकिन 2010 में मध्यप्रदेश क्रिकेट संघ ने इसका नाम बदलकर होल्कर इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम कर दिया इंदौर पर राज करने वाले होल्कर वंश के नाम पर स्टेडियम का नाम बदला गया

टीम इंडिया के पूर्व विस्फोटक ओपनर वीरेंद्र सहवाग ने इसी मैदान पर अपने करियर का पहला  एकमात्र वनडे दोहरा शतक लगाया था तब उन्होंने वेस्टइंडीज के विरूद्ध 219 रनों की पारी खेली थी इस मैदान में अब तक एक टेस्ट, 5 वनडे  1 टी-20 मैच का आयोजन किया जा चुका है

स्टेडियम के लिए जमीन मुहैया कराने का श्रेय भी होल्कर राजघराने को ही जाता है इंदौर के तत्कालीन मराठा परिवार ने देश के इस हिस्से में क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए यहां तक कि होल्कर क्रिकेट टीम ने रणजी ट्रॉफी के 10 सत्रों में भाग भी लिया था इनमें से आठ बार टीम फाइनल में पहुंची  चार बार खिताब पर अतिक्रमण जमाया इस मैदान पर टीम इंडिया का वनडे मैचों में रिकॉर्ड सौ फीसदी है टीम ने यहां पांच वनडे खेले हैं  सभी में जीत दर्ज की है

8. अटल बिहारी वाजपेयी क्रिकेट स्टेडियम : उत्तर प्रदेश की राजधानी को मिला नया मैदान
यूपी की राजधानी लखनऊ में हिंदुस्तान रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी एकाना क्रिकेट स्टेडियम के नाम से ये मैदान 2017 में बनकर तैयार हुआ इस स्टेडियम की दर्शक क्षमता 50 हजार है 6 नवंबर 2018 को इस मैदान पर पहले अंतर्राष्ट्रीय मैच का आयोजन किया गया ये टी-20 मैच हिंदुस्तान  वेस्टइंडीज के बीच खेला गया हिंदुस्तान ने इस मैच में 71 रन से जीत दर्ज की इसके साथ ही ये हिंदुस्तान में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच की मेजबानी करने वाला 52 स्टेडियम बन गया

अगस्त 2019 में बीसीसीआई ने पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखे गए इस स्टेडियम को अपने घरेलू मैदान के तौर पर प्रयोग करने की अनुमति अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड को दे दी इससे पहले देहरादून  ग्रेटर नोएडा स्टेडियम को भी अफगानिस्तान की टीम अपने घरेलू मैदान के तौर पर प्रयोगकरती रही है अटल बिहारी वाजपेयी लखनऊ से सांसद रहे हैं

9. राजीव गांधी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम, देहरादून : 237 करोड़ में बना
उत्तराखंड स्थित देहरादून के रायपुर में बने राजीव गांधी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण 2016 में हुआ था इसकी दर्शक क्षमता 25 हजार है इस स्टेडियम को बनाने में 237 करोड़ रुपये का खर्च आयाजून 2018 में अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने इसी मैदान पर बांग्लादेश की मेजबानी की यह इस मैदान पर खेला गया पहला अंतर्राष्ट्रीय मुकाबला भी था इस मैदान का नाम हिंदुस्तान के पूर्व पीएम राजीव गांधी के नाम पर रखा गया

10. ग्रीन पार्क स्टेडियम : घुड़सवारी से क्रिकेट स्टेडियम तक का सफर
यूपी स्थित कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम की दर्शक क्षमता 32 हजार है यह यूपी क्रिकेट टीम का घरेलू स्टेडियम है भारतीय टीम के 500वें टेस्ट की मेजबानी भी इसी मैदान ने की थी इस मैदान पर 22 टेस्ट, 14 वनडे  एक टी-20 मुकाबला खेला जा चुका है

इस मैदान का नाम ब्रिटिश लेडी मैडम ग्रीन के के नाम पर रखा गया जो यहां अक्सर घुड़सवारी करने आती थीं ग्रीनपार्क स्टेडियम का एक निकनेम यानी उपनाम भी है इसे वूल्मर टर्फ भी कहते हैं ऐसा इसलिए भी है क्योंकि पाक क्रिकेट टीम के पूर्व कोच  इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर बॉब वूल्मर का जन्म स्टेडियम के करीब स्थित अस्पताल में

11. आईएस बिंद्रा स्टेडियम : ‘विमान के रास्ते में फ्लडलाइट्स’
मोहाली स्थित पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन आईएस बिंद्रा स्टेडियम की दर्शक क्षमता 26 हजार है इसे 1993 में बनाया गया था इसे बनाने में तीन वर्ष  25 करोड़ रुपये की लागत आई इस स्टेडियम की खास बात ये है कि इसमें प्रयोग की गईं फ्लडलाइट्स बहुत ज्यादा नीची हैं ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि पास ही चंडीगढ़ एयरपोर्ट है  अधिक ऊंची रोशनी होने से विमानों के संचालन में कठिनाई होतीयही वजह है कि स्टेडियम में 16 फ्लडलाइट्स हैं इस मैच में जनवरी 2019 तक 13 टेस्ट, 24 वनडे  4 टी-20 मैच आयोजित किए जा चुके हैं

इंद्रजीत सिंह बिंद्रा बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष  क्रिकेट प्रशासक हैं  उन्हीं के नाम पर पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन आईएस बिंद्रा स्टेडियम नाम रखा गया है बिंद्रा 1993 से 1996 तक बीसीसीआई अध्यक्ष के पद पर रहे भारतीय उपमहाद्वीप में 1987  1996 में वर्ल्ड कप के आयोजन में जगमोहन डालमिया के साथ आईएस बिंद्रा का भी अहम सहयोग है

12. भूपेन हजारिका स्टेडियम : असमी लोकगायक को श्रद्धांजलि
असम क्रिकेट संघ के बारसपारा क्रिकेट स्टेडियम को डा भूपेन हजारिका क्रिकेट स्टेडियम भी बोला जाता है इस मैदान की दर्शक क्षमता 40 हजार है असम के सीएम सर्वानंद सोनोवाल ने 10 अक्टूबर 2017 को इस स्टेडियम का उद्घाटन किया था भूपेन हजारिका असम के लोकगीत गायक थे उन्हें 2019 में मरणोपरांत हिंदुस्तान रत्न पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है 1939 से 2010 के बीच उन्होंने रुदाली, दरमियां, गजगामिनी, दमन में उनके उल्लेखनीय कार्य के लिए जाना जाता है हजारिका को 2012 में पद्म विभूषण, 1977 में पद्मश्री, 2001 में पद्म भूषण  1992 में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से नवाजा जा चुका है