जानिए क्या हो सकते है स्वाइन फ्लू के लक्षण , तो ऐसा करे

देशभर में तेजी से फैलती जा रही है स्वाइन फ्लू बीमारी. इससे निपटने के लिए रोग क्या है, कैसे फैलता है, क्या सावधानी बरतें  इलाज के विकल्पों के बारे में जानना महत्वपूर्ण है. आइये जानते हैं इसके बारे में.

क्या है स्वाइन फ्लू –
स्वाइन फ्लू एच1एन1 टाइप के वायरस से फैलने वाला रोग है. यह तेजी से फैलकर नाक, फेफड़ों और गले पर प्रभाव करता है. 2009 में यह वायरस पूरी संसार में फैला था, तब दुनिया स्वास्थ्य संगठन ने इसे महामारी घोषित किया था. हालांकि इससे घबराने की आवश्यकता नहीं, समय पर लक्षणों की पहचान कर उपचार लेने से रोग पर काबू पाया जा सकता है. लेकिन देरी होने पर यह वायरस बुखार, खांसी  सांस में तकलीफ को बढ़ा सकता है  निमोनिया का कारण भी बनता है. श्वांस तंत्रिका के काम बंद कर देने से मृत्यु भी हो सकती है.

संक्रमण और सावधानी –
यह वायरस संक्रमित आदमी के खांसने, छींकने, हाथ मिलाने और गले मिलने से फैलता है. इस दौरान मुंह  नाक से निकली छोटी बूंदों से यह वायरस फैलता है. वहीं यह वायरस स्टील या प्लास्टिक में 24-48 घंटे, कपड़ों में 8-12 घंटे, टिश्यु पेपर में 15 मिनट तक  हाथों में 30 मिनट तक सक्रिय रहता है.

बचाव : साफ-सफाई रखें. शुरुआती लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सक को दिखाएं और दूसरों से एक मीटर की दूरी बनाकर रखें. बीमार होने पर स्कूल, ऑफिस, मंदिर या सार्वजनिक स्थान पर जाने के बजाय घर पर रहें. हाथों को साबुन-पानी से दिन में कई बार धोएं. छींकते समय रुमाल या टिश्यु पेपर इस्तेमाल में लें. टिश्यु पेपर को खुले जगह में न फेकें. आंख, नाक और मुंह बार-बार न छुएं, न ही हाथ मिलाएं. लिक्विड डाइट लें. रोगी के परिजन मुंह पर मास्क लगाकर रखें.

ये सावधानी बरतें : निर्बल इम्युनिटी, 60 साल से अधिक आयु के व्यक्ति, लिवर, किडनी, डायबिटीज, दमा और एड्स के रोगी, नवजात शिशु और छोटे बच्चे  गर्भवती महिलाएं बचाव के उपायों को अपनाएं.

इलाज के ढंग –
एंटीवायरल दवाएं टेमीफ्लू और रेलंजा के अतिरिक्त कफ सिरप और पैरासिटामॉल देकर लक्षणों में कमी लाते हैं. वहीं आयुर्वेद में इम्युनिटी बढ़ाने के लिए योग करने  गिलोय, नीम, तुलसी और आंवले का रस पीने, जिंक युक्त दालें, सूखे मेवे, तिल, कद्दू और मशरूम, विटामिन-सी से युक्त चीजें खाएं. नीम, तुलसी, हल्दी, मुलैठी के साथ ऑलिव तेल और पिसी कालीमिर्च मिलाकर काढ़ा पीएं. इंफ्लुएंजीनम, जेलसेमियम, जैसी होम्योपैथी दवाएं इम्युनिटी बढ़ाने के लिए दी जाती हैं.