बीच चल रही टेस्ट सीरीज के दूसरे टेस्ट के दूसरे दिन हर तरफ टीम इंडिया के पेसर जसप्रीत बुमराह की चर्चा ही छाई रही। लेकिन इस दिन टीम इंडिया के युवा बल्लेबाज हनुमा विहारी ने भी अपनी शानदार बल्लेबाजी की छाप छोड़ी व टीम इंडिया के इस पारी में शतक लगाने वाले इकलौते खिलाड़ी बने। यह विहारी के करियर का पहला टेस्ट रहा। विहारी ने टेस्ट करियर का पहला शतक अपने दिवंगत पिता को समर्पित किया।
ईशांत के साथ की 112 रन की साझेदारी
विहारी ने मैच में 111 रन बनाए व तेज गेंदबाज इशांत शर्मा के साथ 112 रनों की साझेदारी भी की। 225 गेंदों की इस पारी में विहारी ने 16 चौके लगाए। इसी वजह से टीम इंडिया पहली पारी में 416 रनों का विशाल स्कोर खड़ा कर सकी। इस पारी में ईशांत शर्मा ने भी 58 रन बनाए व वे टीम इंडिया के लिए तीसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे। सबसे ज्यादा रन हनुमा विहारी (111) रन व उसके बाद कैप्टन विराट कोहली ने 76 रन बनाए।
12 वर्ष की आयु में हनुमा को छोड़ गए थे उनके पिता
दिन खत्म होने के बाद विहारी ने कहा, “जब मैं 12 वर्ष का था तभी मेरे पिता का देहांत हो गया थ व तब से मैंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलने का फैसला लिया। मैं अपना पहला शतक उन्हें समर्पित करना चाहता हूं। ” विहारी ने कहा, “आज बहुत ही भावुक दिन है ओर मुझे उम्मीद है कि वे जहां भी होंगे उन्हें मुझ पर गर्व होगा। ” उन्हेंने कहा, “लंच तक मैं 84 रन पर खेल रहा था। उसके बाद मुझे 90 में जाने में दिक्कतें आईं। लंच के बाद उन्होंने बढ़िया गेंदबाजी की। हमें उनके गेंदबाजों को श्रेय देना होगा। हमने 416 रन तो बनाए लेकिन इससे उनकी बढ़िया गेंदबाजी का पता नहीं चलता। ”
ठीक से सो नहीं पाए थे पिछली रात
उन्होंने माना कि वह पहले दिन का खेल खत्म होने के बाद अच्छा से नींद नहीं ले पाए थे। विहारी ने कहा, “मैं कल 42 रन पर बल्लेबाजी कर रहा था, तो मुझे रात में बहुत अच्छी नींद नहीं आई। मैं एक बड़ा स्कोर बनाना चाह रहा था व मुझे खुशी है कि मैंने उस 100 के आकड़े को पार कर लिया। ईशांत भी इस शतक के लिए श्रेय के हकदार हैं, जिस तरह से उन्होंने बल्लेबाजी की। मैं उन परिस्थितियों में शतक जड़कर बहुत खुश हूं। इसने मुझे बहुत ज्यादा संतोष दिया। ”
पहले सत्र में भी थी कड़ी चुनौती
विहारी ने कहा, “मैं जानता था कि वे पहले सत्र में वापसी करेंगे क्योंकि वह उनके लिए बढ़िया मौका था। उन्होंने ऋषभ का विकेट भी पहली ही गेंद पर लिया। मैं केवल संयम से बल्लेबाजी करना चाह रहा था व ठीक एरिया में गेंद आने का इंतजार कर रहा था। मैंने यही किया व मुझे खुशी है कि मैं गेम प्लान को लागू करने में सफल रहा। ”