जानिए ऐक्टर सिद्धार्थ मल्होत्रा ने कहा मैने अपने जीवन में किया है ये सब…

बॉलिवुड में कदम रखने वाले ऐक्टर सिद्धार्थ मल्होत्रा के लिए पिछले 2 वर्ष करियर के लिहाज से उतार-चढ़ाव भरे रहे. इस दौरान लोगों को न तो उनका ‘जेंटलमैन’ अवतार भाया, न उनकी ‘अय्यारी’, लेकिन इस वर्ष सिद्धार्थ फिल्म ‘जबरिया जोड़ी’ में अपने बिहारी अंदाज  ‘मरजावां’ में मुंबईया स्टाइल से दर्शकों को चौंकाने वाले हैं. इधर, सिद्धार्थ अपनी व्यक्तिगत जीवन को लेकर भी खासे चर्चा में रहते हैं. ऐसे में, एक मुलाकात के दौरान हमने उनसे उनकी प्रफेशनल  व्यक्तिगत जीवन पर खास वार्ता की :

‘शेरशाह’ आपकी पहली बायॉपिक फिल्म है. रियल जीवन हीरो विक्रम बत्रा के भूमिका को निभाना कितना चुनौतीपूर्ण  जिम्मेदारी भरा मानते हैं?
यह बहुत बड़ी जिम्मेदारी है. उनके परिवार के प्रति, आर्मी के प्रति, देश के प्रति. अगर करगिल युद्ध में उन्होंने अपने साथी जवानों के साथ उस पीक पर अतिक्रमण न किया होता, तो यह जंग  ज्यादा हफ्तों तक चलती रहती.

सोचिए, एक महज 24 वर्ष का लड़का, जिसे सर्विस में सिर्फ 3 वर्ष हुए हैं, यह जानते हुए कि यह एक सुइसाइडल मिशन है, आगे बढ़ते जाता है, अपनी पलटन को लीड करता है. इस कहानी से नौजवानों को प्रेरणा मिलेगी.

मैं खुद यह कहानी सुनकर बहुत इंस्पायर था. हमने आर्मी स्टाइल में वेपन ट्रेनिंग, फिटनेस ट्रेनिंग, मिशन हैंड जेस्चर आदि की ट्रेनिंग ली. बाकी, यह इमोशनल कहानी ज्यादा है. युद्ध का बैकड्रॉप है, लेकिन हम इमोशन पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं. इसकी लव स्टोरी में भी कई रोशनी मोमेंट्स हैं. मैं कहूंगा कि असल में यह वॉर फिल्म नहीं है. यह एक आदमी की जर्नी है. हम चाहते हैं कि यह न केवल लोगों को इंस्पायर करे, बल्कि उनके जाननेवालों को भी लगे कि अरे, हां, वह ऐसा ही था.

आपकी बाकी दो फिल्में ‘जबरिया जोड़ी’  ‘मरजावां’ भी बहुत ज्यादा इंट्रेस्टिंग लग रही हैं. ‘जबरिया जोड़ी’ के लिए भोजपुरी सीखी आपने?
नहीं, हम लोग उसमें पटना की हिंदी बोल रहे हैं. बिहार में मैथिली, भोजपुरी कई भाषाएं बोली जाती हैं. दूसरे, यह रीजनल फिल्म नहीं है. हिंदी फिल्म ही है, तो अगर एक किस्म की लैंग्वेज ज्यादा रखते, तो यह रीजनल फिल्म बन जाती. इसको ध्यान में रखते हुए हमने वहां का फ्लेवर  लिट्टी-चोखा जैसे एलिमेंट रखे हैं. बाकी, पटना की हिंदी में जो एक लहजा, जो एक्सेंट होता है, उसकी मैंने  परिणीति ने ट्रेनिंग ली.