राजस्थान के नागौर के डीडवाना के रहने वाले राम अवतार ने समाज के लिए एक अनोखी मिसाल पेश की है। रामावतार की ख़्वाहिश थी कि मरने के बाद वो अपने नेत्रदान करना चाहते है। ऐसे में उनकी मौत के बाद उनकी आंखें दान कर दी गई जिससे अब दो लोगों का जहां रौशन होगा।
डीडवाना के गगड़ों के चौक निवासी रामावतार अग्रवाल का मंगलवार रात को निधन हो गया था। मरने से पहले रामावतार ने अंतिम ख़्वाहिश जताई थी कि वो अपनी मृत्यु के बाद आंखे दान करना चाहते हैं, ताकि उनकी आंखों से कोई जरूरतमद यह सुंदर दुनिया देख सके। रामावतार के संबंधियों ने मृत्यु ने उनकी मृत्यु के बाद लायंस क्लब को इसकी जानकारी दी व अजमेर आई बैंक से संपर्क किया गया व इसके बाद रामावतार की आंखे दान की गई।
डीडवाना में लायंस क्लब की तरफ से शहर में इन्सानियत की सेवा के कार्य किए जा रहे है। लायन्स क्लब ने अब तक पांच लोगों के लिए नेत्रदान करवाया है। प्रदेश में वैसे नेत्रदान का आंकड़ा बहुत ज्यादा कम है। डीडवाना क्षेत्र में जागरूकता की कमी होने के चलते नेत्रदान के लिए लोग आगे नहीं आ रहे है।
मानवता की सेवा के लिए आम आदमी को भी अब आगे आना होगा ताकि इन्सानियत की भलाई का कार्य हो सके व मृत्यु के बाद भी दुसरो को खुशियां मिल सके। वहीं अजमेर आई बैंक ने स्वर्गीय रामावतार अग्रवाल व उनके परिवार द्वारा लिए इस निर्णय की सराहना की। साथ ही उन्होने प्रदेश की जनता से अंग दान करने की अपील भी की।