जानिए अब इस वजह से नहीं होगी होम कर्ज़ में कोई परेशानी

आज के समय में लगभग हर वस्तु के लिए इंश्योरेंस लिया जा सकता है. इसका लाभ यह होता है कि आपकी किसी भी कीमती वस्तु के आर्थिक नुकसान की भरपाई हो जाती है.

आज हम होम कर्ज़ के लिए इंश्योरेंस लेने की बात कर रहे हैं. सभी जानते हैं कि होम कर्ज़ लंबे पीरियड के लिए होते हैं  ये दशकों में जाकर सारे होते हैं. अगर ऐसी स्थिति में घर का मुखिया (जिस पर सारी आर्थिक जिम्‍मेदारी होती है) नहीं रहता है  बाकि घरवाले उस स्थिति में पैसा चुकाने लायक नहीं होते हैं तो उन्हें बहुत सी दिक्कतों का सामना एक साथ करना पड़ सकता है.

इसके लिए सीधा उपाए टर्म इंश्योरेंस है. जब भी किसी के पास होम कर्ज़ हो तो उसे न सिर्फ एक टर्म पॉलिसी लेनी चाहिए, बल्कि होम कर्ज़ के री-पेमेंट अमाउंट को उस अमाउंट में शामिल करना चाहिए. मान लीजिए कि एक 35 वर्षीय पुरुष 25 वर्ष के लिए 40 लाख रुपये का जीवन कवर लेता है तो उसे 800 रुपये प्रति माह के हिसाब से प्रीमियम देना होता है.इंश्योरेंस प्रीमियम को होम कर्ज़ ईएमआई में जोड़कर ही मान लेना चाहिए. मान लीजिए आपके होम कर्ज़ की ईएमआई 36,000 रुपये प्रति माह है. इसमें 800 रुपये अधिक जोड़ लीजिए  टोटल ईएमआई 36,800 रुपये हो जाएगी.

इसके अतिरिक्त कर्ज़ लेने वालों को कभी-कभी यह सलाह भी दी जाती है वह होम कर्ज़ का इंश्‍योरेंस करवाता चले. यह एक खास तरह की होम कर्ज़ री-पेमेंट इंश्योरेंस पॉलिसी है, जिसे विशेष रूप से इसी के लिए तैयार किया गया है. यह सामान्य टर्म प्लान की तरह कार्य करती है  कवर को कम करके अन्य लाभों के साथ कार्य करती है. इसमें जीवन कवर शामिल नहीं रहता है. यह होम कर्ज़ के साथ जुड़ जाती है  मंथली बेस पर बाकी बचा मूल अमाउंट कम होता रहता है. जब आप इसकी मूल्य  जानकारी के बारे में गणना करते हैं तो रेगुलर टर्म इंश्योरेंस इससे बेहतर साबित होता है.

जब आप होम कर्ज़ की सेफ्टी के लिए टर्म इंश्योरेंस लेते हैं तो आपको कुछ ऐसा करना चाहिए. आपने जहां से कर्ज़ लिया है उस बैंक या हाउसिंग फाइनेंस कंपनी को अपना टर्म इंश्‍योरेंस असाइन करना होगा. असाइनमेंट का मतलब है कि अगर पॉलिसीधारक के साथ कोई एक्सीडेंट होती है तो पॉलिसी की पेमेंट उसे जाएगी जिसे यह असाइन किया जाएगा. मतलब कर्ज़की पेमेंट सीधे इंश्योरेंस कंपनी की तरफ से कर्जदाता को की जाएगी.

अगर होम कर्ज़ की री-पेमेंट सामान्य रूप से की जाती है तो असाइनमेंट को खत्म किया जा सकता है  बाकी बचे समय के लिए कर्ज़ की पेमेंट बाकि घर के सदस्यों की तरफ से की जाती है. आपको एक अन्य सर्विस के बारे में पता होना चाहिए कि टर्म इंश्योरेंस में एक सुविधा हो सकती है, जिसके तहत कर्ज़ की री-पेमेंट ईएमआई में की जा सकती है  एक साथ मोटी रकम नहीं चुकानी होगी. इंश्योरेंस लेते वक्त यह ध्यान रखें कि आपने जितनी अवधि के लिए होम कर्ज़ लिया है उससे अधिक समय के लिए टर्म इंश्योरेंस की पॉलिसी है या नहीं.