जल्द ही चीनी सैनिक पूर्वी लद्दाख में करेंगे ये काम, सामने आई ये बड़ी खबर

इस संबंध में मीडिया के सवालों पर चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा कि यह आरोप आधारहीन हैं. सात महीने से जारी सीमा गतिरोध को लेकर भारत-चीन सैन्य एवं राजनयिक वार्ता के अगले दौरान के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने सीधे कोई जवाब नहीं दिया हालांकि उन्होंने कहा कि भारत उम्मीद करता है कि आगे बातचीत से पूर्वी लद्दाख में सैनिकों के पूरी तरह पीछे हटने के लिये समझौते तक पहुंचने में मदद मिलेगी.

शंघाई में भारतीय वाणिज्य दूतावास द्वारा चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी के कम से कम एक सदस्य को नियुक्त किये जाने की रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह इस सूचना की स्वतंत्र रूप से पुष्टि करने की स्थिति में नहीं हैं.

उन्होंने कहा कि हमने इस संबंध में मीडिया रिपोर्ट को देखा है. हम इस बात की स्वतंत्र रूप से पुष्टि करने की स्थिति में नहीं हैं. श्रीवास्तव ने कहा कि कुछ देशों में स्थानीय कर्मचारियों की नियुक्ति के लिये स्थानीय प्रशासन की अनुमति की जरूरत होती है, हालांकि हमारे सभी मिशन यह सुनिश्चित करते हैं कि इस संबंध में सभी सुरक्षा ऐहतियात बरते जाएं.

भारत ने को उम्मीद जतायी कि चीन के साथ आगे बातचीत से दोनों पक्षों को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सभी संघर्ष वाले इलाकों से पूर्ण रूप से पीछे हटने के लिये परस्पर रूप से स्वीकार्य समझौते पर पहुंचने में मदद मिलेगी.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने प्रेस वार्ता में बताया कि दोनों पक्ष राजनयिक एवं सैन्य माध्यमों के जरिये सम्पर्क बनाये हुए हैं और इन चर्चाओं के माध्यम से दोनों पक्षों को एक दूसरे के रूख के बारे में समझ बढ़ाने में मदद मिली है.