इनकम टैक्स विभाग के वरिष्ठ ऑफिसर ने बताया, “हमारे पास जानकारी है कि व्यवसायिक व आवासीय संपत्ति, जिसमें कोडानाड की संपत्ति भी शामिल है, से हर महीने किराए का पैसा आ रहा है.”
उन्होंने बोला कि बकाया राशि 5 दिसंबर, 2016 से उनकी मौत के बाद से लगातार बढ़ती जा रही है, क्योंकि किसी ने भी अभी तक इसे चुकाने की जिम्मेदारी नहीं ली है.
ऑफिसर ने कहा, “आयकर विभाग एक्ट के अनुसार हमनें जयललिता की चार संपत्ति अटैच करने के बाद, सब-रजिस्ट्रार से बोला है कि इनमें से किसी में भी डील न करें. व जब तक उनका इनकम टैक्स का बकाया पूरा न दिया जाए न तो संपत्ति को बेचा जाए व न दी पट्टे पर दिया जाए.”
वरिष्ठ ऑफिसर ने कहा, “हमनें सब-रडिस्ट्रार्स को सूचित करने के अतिरिक्त कई बार पूर्व CM को रिमाइंडर भेजे थे कि वह कर का बकाया दें. लेकिन उन्होंने कोई कदम नहीं उठाया न तो बकाया राशि दी व न ही अपनी संपत्ति को अटैच करने के लिए जारी किया. उनकी फाइल में कागजों के बंडल हैं, जिनमें समन, रिमाइंडर आदि की जानकारियां हैं. समन गए व आए पर कर की राशि का भुगतान करने के लिए कोई एक्शन नहीं लिया गया.”
विभाग के स्थायी वरिष्ठ परामर्शदाता एपी श्रीनिवास ने बताया कि वेद नियालम के अतिरिक्त तीन व संपत्ति- दो चेन्नई में व एक हैदराबाद को भी विभाग ने अटैच किया हुआ था. यह प्रस्तुतियां जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान की गईं. याचिका राज्य गवर्नमेंट को वेद निलायम को स्मारक के तौर पर बदलने से रोकने के लिए दाखिल की गई है. जिसे सामाजिक कार्यकर्ता केआर रामास्वामी ने दाखिल किया है.