जम्मू-कश्मीर को लेकर सामने आई ये बड़ी खबर , सरकार ने किया ये बड़ा बदलाव

वहीं कठुआ निवासी एक अन्य महिला ने कहा कि उन्होंने यहां कढ़ाई और सिलाई का काम सीखा है. यह हमारे लिए उपयोगी है क्योंकि हम इससे बने सामानों को बेचकर और स्वतंत्र होकर कमा सकते हैं .

 

भविष्य में मैं एक दुकान खोल सकती हूं और दूसरी महिलाओं को भी रोजगार दे सकती हूं. एक अन्य महिला जो ग्रेजुएट है, ने कहा, “सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में दाखिला लेने के बाद, मैंने कढ़ाई और सिलाई के काम के बारे में बहुत कुछ सीखा है .अब मेरी योजना दूसरों को सिखाने की है.”

आईटीआई के एक शिक्षक ने कहते हैं, “यहां 20 छात्र हैं और हम उन्हें कढ़ाई और सिलाई के काम में प्रशिक्षण दे रहे हैं .हमें उम्मीद है कि वे भविष्य में व्यवस्थित हो जाएंगे और वे खुद भी कमा सकते हैं.”

उसने कहा कि सरकार कढ़ाई और सिलाई कार्य जैसे कपड़ा, धागा सुई आदि के लिए आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराने के अलावा 2,000 रुपये मासिक का वजीफा भी प्रदान कर रही है.

एएनआई से बात करते हुए, एक महिला शीतल देवी (Sheetal Devi) ने कहा, “मैंने यहां बहुत कुछ सीखा है. जम्मू कश्मीर में आने वाले पर्यटक हस्तशिल्प वस्तुओं को खरीदना पसंद करते हैं, इसलिए ये स्किल हमारे जीवित रहने में काफी मददगार होंगे.” उसने कहा कि “महिलाओं को स्वतंत्र होना चाहिए और अगर हम कढ़ाई का काम सीखते हैं, तो दूसरे हमारे कदमों पर चल सकते हैं.”

यहां दाखिला लेने वाले लोगों को मुफ्त प्रशिक्षण और प्रशिक्षण अवधि के दौरान 2000 रुपये मासिक की दर से वजीफा प्रदान की जाती है. औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (Industrial Training Institute/ITI) भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अधीन चलाये जाने वाले प्रशिक्षण संस्थान हैं जिनमें लोगों को तकनीकी कार्यों का प्रशिक्षण दिया जाता है.

जम्मू कश्मीर के कठुआ की कई महिलाएं सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (ITI) द्वारा किए जा रहे कौशल विकास प्रशिक्षण के तहत ‘फुलकारी’ की कढ़ाई और सिलाई का काम सीख आत्मनिर्भर बन रही हैं.