जम्मू और कश्मीर में सरकार द्वारा किया गए बदलाव से रहवासी होंगे लाभान्वित…

 स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश के नाम संदेश दिया. राष्ट्रपति ने स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हुए कहा,“स्वतंत्रता दिवस सभी हिंदुस्तानियों के लिए खुशी का दिन है. इस मौके पर हम अपने असंख्य स्वतंत्रता सेनानियों  क्रांतिकारियों को याद करते हैं.”राष्ट्रपति ने जम्मू और कश्मीर पर बात करते हुए बोलाकि हाल में सरकार द्वारा किए गए बदलावों से वहां के रहवासी लाभान्वित होंगे. वे भी अब समानता को बढ़ावा देने वाले प्रगतिशील कानूनों  प्रावधानों का प्रयोग कर सकेंगे. सूचना का अधिकार, एजुकेशन का अधिकार, वंचितों को एजुकेशन  जॉब में रिज़र्वेशन जैसी सुविधाएं मिल सकेंगी. तीन तलाक जैसे अभिशाप से वहां की बहनों को मुक्ति मिलेगी.

राष्ट्रपति ने स्वतंत्रता के वक्त के क्रांतिकारियों को याद करते हुए बोला कि जिन्होंने हमें आजादी दिलाने के लिए महान आदर्श प्रस्तुत किए. जिस महान पीढ़ी के लोगों ने हमें आजादी दिलाई, उनके लिए स्वाधीनता सियासी सत्ता हासिल करने तक सीमित नहीं थी. उनके लिए लोगों का ज़िंदगी बेहतर बनाना भी मकसद था.

‘अगले 5 वर्ष भी संसद इसी तरह उपलब्धियां हासिल करेगी’

“लोकसभा चुनावों में भाग लेकर आपने इसे पास बनाया. लोगों ने मताधिकार का इस्तेमाल किया  मतदान से जुड़ी जिम्मेदारी निभाई. इन चुनावों के माध्यम से हमारे देशवासी अपनी आशा  विश्वास को नयी अभिव्यक्ति देते हैं. इसकी आरंभ आजादी के जज्बे के साथ हुई थी, जिसका अनुभव 15 अगस्त 1947 को सभी देशवासियों ने किया था. उस जज्बे को आगे ले जाने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करना सभी की जिम्मेदारी हैं. हाल का संसद का सत्र बेहद पास रहा. इससे मुझे यह विश्वास है कि आने वाले 5 सालों के दौरान संसद इसी तरह से उपलब्धियां हासिल करती रहेगी.

‘गांधीजी ने पहले ही लगा लिया था चुनौतियों का अनुमान’
“स्वतंत्रता दिवस सभी हिंदुस्तानियों के लिए खुशी का दिन है. इस मौके पर हम अपने असंख्य स्वतंत्रता सेनानियों  क्रांतिकारियों को याद करते हैं, जिन्होंने हमें आजादी दिलाने के लिए महान आदर्श प्रस्तुत किए. कुछ ही हफ्ते बाद हम गांधीजी की 150वीं जयंती मनाएंगे. गांधीजी का मार्गदर्शन आज भी उतना ही प्रासंगिक है. उन्होंने हमारी चुनौतियों का अनुमान पहले ही लगा लिया था. वे मानते थे कि पर्यावरण के साथ संतुलन पर जोर दिया. हमारे अनेक कोशिश उनके विचारों को ही यथार्थ रूप देते हैं. सौर ऊर्जा के उपयोग को बनाने पर विशेष जोर देना भी उन्हीं की सोच का भाग है.

‘130 करोड़ हिंदुस्तानियों को पैदा करनी होंगी संभावनाएं’

“मैंने महसूस किया है कि हिंदुस्तान के लोगों की रुचि भले ही भिन्न-भिन्न हों, पर सपने एक ही हैं. 1947 से पहले आजादी का लक्ष्य था, आज लक्ष्य विकास की गति तेज होना, शासन का पारदर्शी  कुशल होना है. जनादेश में लोगों की आकांक्षाएं साफ दिख रही हैं. सरकार अपनी किरदार निभाती है, लेकिन मेरा मानना है कि 130 करोड़ भारतीय अपने कौशल से, क्षमता से  संभावनाएं पैदा कर सकते हैं. हिंदुस्तान के लंबे इतिहास में हमें कई बार चुनौतियों से गुजरना पड़ा है. हमने उल्टा परिस्थितियों का सामना करना पड़ा, फिर भी आगे बढ़े.अब परिस्थितियां बदल रही हैं. अनुकूल वातावरण में देशवासी जो लक्ष्य हासिल कर सकते हैं, वह कल्पना से भी परे है.

सबको साथ लेकर चलना हमारी संस्कृति

राष्ट्रपति ने कहा, “जब हम अपने देश की समावेशी संस्कृति की बात करते हैं तो हमें यह भी देखना है कि हमारा आपसी व्यवहार कैसा है. हिंदुस्तान का समाज हमेशा से सहज आसान रहा है. वह जियो  जीने दो के सिद्धांत पर चलता रहा है. भाषा-पंथ से ऊपर उठकर हमने एक-दूसरे का सम्मान किया है. हजारों वर्षों में शायद ही भारतीय समाज ने कभी भी पूर्वाग्रह को जाहीर किया हो. सबके साथ चलना हमारी विरासत का भाग रहा है. दूसरे राष्ट्रों के साथ संबंधों में भी सहयोगी की भावना का हम परिचय देते हैं. हिंदुस्तान के सांस्कृतिक मूल्यों को हमें हमेशा बनाए रखना है.

समाज के अंतिम आदमी के हम आदर्शों पर अटल रहेंगे

“समाज का स्वरूप तय करने मेें युवाओं की सहभागिता निरंतर बढ़ रही है. ये बहुत खुशी की बात है कि युवा ऊर्जा की धारा को ठीक दिशा देने के लिए विद्यालयों में जिज्ञासा की संस्कृति को बढ़ावा दिया जा रहा है. उनकी आशाओं  आकांक्षाओं पर विशेष ध्यान देना है. समाज के अंतिम आदमी के लिए हिंदुस्तान अपनी संवेदनशीलता बनाए रखेगा. आदर्शों पर अटल रहेगा, जीवनमूल्यों को संजो कर रखेगा  साहस की परंपरा को आगे बढ़ाएगा. हम भारतीय ज्ञान  विज्ञान के दम पर चांद  मंगल पर पहुंचने की योग्यता रखते हैं. हमारी संस्कृति यह है कि हम प्रकृति  जीवों के लिए संवेदना रखते हैं.