जन्माष्टमी का त्यौहार इस बार 23 अगस्त को मनाया जाएगा। हर वर्ष भाद्रपद मास (भादो माह) की कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन भगवान कृष्ण के जन्मदिन के रूप में जन्माष्टमी का उत्सव मनाया जाता है। इन दिन भक्त अपने मंदिर में भगवान कृष्ण के बालरूप की प्रतिमा सजाकर उसे खूब सजाते हैं। रात में पूजा पाठ के बाद भगवान को धनिया की बनी पंजीरी , चरणामृत व जन्माष्टमी मेवा बनाकर भोग लगाते हैं। जन्माष्टमी मेवा पांच प्रकार के मेवों को मिलाकर बनाया जाने वाली मिष्ठान है। इसमें मखाने, नारियल व कई ड्राई फ्रूट्स का इस्तेमाल होता है। यह जन्माष्टमी के मौका पर बनाई जाने वाली मुख्य मिठाई है। वैसे तो यह मिठाई मुख्य रूप से यूपी में बनाई जाती है, लेकिन इस जन्माष्टमी आप भी इसके लाजवाब स्वाद को चख सकते हैं। आइये आज हम आपको बताते हैं जन्माष्टमी मेवा बनाने की रेसिपी:
सामग्री:
*मखाने – 1 कप
*सूखा नारियल – 1 कप कद्दूकस किया हुआ
*खरबूजे के बीज – 1 कप
*चीनी – 2 कप
*घी – ¾ कप
*बादाम – ½ कप
*गोंद – ⅓ कप
*खसखस – ¼ कप
*सफेद मिर्च – 1 छोटी चम्मच
*इलाइची – 10 से 12 (पाउडर)
जन्माष्टमी मेवा की रेसिपी:
जन्माष्टमी मेवा बनाने के लिए मखाने, गरी, काजू, बादाम व अन्य ड्राई फ्रूट्स को छोटे-छोटे टुकड़ों को क़तर लें। अब एक कढ़ाई में घी गर्म करें व उसमें एक-एक करके सभी मेवों को भून लें। इस बात का ख्याल रहे कि चिरौंजी और खरबूजे के बीज को भी हल्की आंच पर भूनें वरना ये जल सकते हैं।
शुद्ध देसी घी में गोंद को भी भून लें। भूनने के बाद इसे हाथ से तोड़कर चूरे जैसा बना लें। अब एक कढ़ाई में चीनी व पानी डालकर एक तार की चाशनी बना लीजिये। चाशनी को बीच-बीच में चेक करते रहें। तैयार चाशनी में भूने हुए सभी मेवों को अच्छी तरह से मिला लें। बाद में इसमें इलाइची पाउडर मिला लें।
अब इस मिलावट को घी लगी थाली में निकाल लें व ठंडा होने दें। इसके बाद इसे चाकू से बर्फी के आकार में काट लें। तैयार है आपका स्वादिष्ट जन्माष्टमी मेवा। अब इस जन्माष्टमी मेवा बाल गोपाल को लगाएं अपने हाथ के बनाए इस जन्माष्टमी मेवा का भोग व लोगों को प्रसाद की तरह भी दे सकते हैं।