जगन मोहन रेड्डी ने सरकार के इस निर्णय को बदल दिया, जानिए ये है वजह

 जगन मोहन रेड्डी सरकार ने गुरुवार को चंद्र बाबू नायडू की सरकार के उस विवादित निर्णय को बदल दिया, जिसके तहत CBI को प्रदेश मेंजांच  छापेमार कार्रवाई करने की अनुमति पर रोक लगी थी. CBI को अब प्रदेश में किसी भी करप्शन या अन्य मामलों में कार्रवाई का पूरा अधिकार होगा.

8 नवंबर 2018 को तत्कालीन तेदेपा सरकार ने सरकारी आदेश जारी कर उस आम सहमति को वापस ले लिया था, जिसके तहत CBI को प्रदेश में कार्रवाई का अधिकार मिला था.

नायडू ने बीजेपी पर CBI का गलत प्रयोग करने का आरोप लगाया था

आंध्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री एन चिना राजप्पा ने बोला था कि CBI अधिकारियों पर लगे आरोपों के कारण यह  निर्णय  किया. एनडीए से अलग होने के बाद प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू आरोप लगा रहे थे कि केन्द्र सरकार CBI को अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को निशाना बनाने के लिए प्रयोग कर रहीहै.

रेड्डी ने नायडू के निर्णय का विरोध किया था

30 मई को सत्ता में आई रेड्डी सरकार ने नायडू सरकार के आदेश को रद्द करने के लिए गुरुवार को नया आदेश जारी किया. आदेश में बोला गया है कि 8 नवंबर, 2018 को जारी आदेश को दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम, 1946 के प्रावधानों के तहत रद्द कर दिया गया है. विपक्ष में रहते हुए रेड्डी ने नायडू सरकार के इस निर्णय का विरोध किया था. उन्होंने बोला था कि नायडू ने CBI से डरकर यह कदम उठाया.

राज्य सरकार की सहमति के बिना कार्रवाई नहीं कर सकती सीबीआई
सीबीआई दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान अधिनियम-1946 के जरिए बनी संस्था है. अधिनियम की धारा-5 में देश के सभी क्षेत्रों में CBI को जाँच की शक्तियां दी गई हैं. धारा-6 में बोला गया है कि प्रदेश सरकार की सहमति के बिना CBI उस प्रदेश के अधिकार क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर सकती है. आंध्र  प बंगाल सरकार ने धारा-6 का ही प्रयोग करते हुए सहमति वापस ले ली थी.