चुनाव नतीजो के बाद ‘मोदी लहर’ पर उठा ये सवाल

चुनावों के नतीजे भारतीय जनता पार्टी और उसके सर्वोच्च नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए काफी अलग हैं. 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा चुनाव लड़ी थी और तीन दशक बाद किसी पार्टी को केंद्र में अपने बूते बहुमत हासिल हुआ था.

नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से विधानसभा चुनावों में भी भाजपा को लगातार कामयाबी मिली. सिर्फ दिल्ली, बिहार और पंजाब की विधानसभाओं के चुनाव इसके अपवाद रहे. इनके अलावा 2014 के बाद हुए अधिकांश विधानसभा चुनावों में भाजपा ने कांग्रेस और दूसरे दलों को सत्ता से बेदखल करने का ही काम किया. इन नतीजों का श्रेय ‘मोदी लहर’ को दिया गया. पार्टी की ओर से सभी नेता यह कहते नजर आते थे कि नरेंद्र मोदी के जादू की वजह से भाजपा एक-एक करके ज्यादातर राज्यों में अपनी सरकार बनाती जा रही है.

अब पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के परिणाम आने के बाद यह सवाल उठना तय है कि क्या 2019 के लोकसभा चुनावों के ठीक पहले मोदी लहर खत्म हो चुकी है? इसलिए भी कि इन पांच राज्यों में एक भी ऐसा नहीं है जहां भाजपा और नरेंद्र मोदी के अनुकूल नतीजा आया हो. नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार ऐसा हुआ है जब नतीजों वाला कोई एक दिन भाजपा के लिए इतना अधिक हताशा भरा हो.