चीफ जस्टिस ने उच्च न्यायालय के जस्टिस के विरूद्ध CBI को एफआईआर दर्ज कराने की दी अनुमति

सुप्रीम न्यायालय के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने मंगलवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के जस्टिस एसएन शुक्ला के विरूद्ध CBI को एफआईआर दर्ज करने की अनुमति दी. जस्टिस शुक्ला पर व्यक्तिगत मेडिकल कॉलेजों का पक्ष लेने का आरोप है. CBI ने लखनऊ बेंच के जस्टिस शुक्ला के विरूद्ध करप्शन समाधान कानून के भीतर मुद्दा दर्ज कर लिया है.

यह पहला मौका है, जब किसी मौजूदा जज के विरूद्ध CBI जाँच करेगी. सीजेआई की अनुमति के बगैर कार्यरत जज के विरूद्ध मुद्दा दर्ज नहीं किया जा सकता है.

पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिसदीपक मिश्रा के द्वारा जाँच के लिएगठित आंतरिक समितिने जस्टिस शुक्ला को व्यक्तिगत मेडिकल कॉलेजों को फायदा देने का दोषी पाया था. इसकी रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस शुक्ला नेएमबीबीएस में विद्यार्थियों के प्रवेश को लेकर तय की गई समयसीमा को आगे बढ़ाया था.

जांच एजेंसियों ने सीजेआई को लेटर लिखा था

रिपोर्ट के मुताबिक, जाँच एजेंसियों ने सीजेआई गोगोई को लेटर लिखा था. इसमें जस्टिस शुक्ला के विरूद्ध जाँच को आगे बढ़ाने की अनुमति मांगी गई थी. इसी सिलसिले मेंपिछले महीने सीजेआई नेप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेटर लिखा था. उन्होंने बोला था कि संसद में जस्टिस शुक्ला को हटाए जाने को लेकर प्रस्ताव लाया जाए.

जस्टिस शुक्ला ने नहीं मानी पूर्व सीजेआई की बात
रिपोर्ट में बोला गया है किपूर्व सीजेआई दीपक मिश्रा ने जस्टिस शुक्ला को उस वक्तइस्तीफा देने या समय से पूर्व रिटायर होने के लिए बोला था. मगर जस्टिस शुक्ला ने इस बात से मना कर दिया था. 2018 में उनसे कानूनी कामकाज वापस ले लिए गए थे.